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बांध पर आर-पार आंदोलन से उबाल

भसहीं में बांध पर कटाव से बाढ़पीड़ितों में आक्रोश बांध को बचाने के लिए इलाके के लोग धरना पर बैठे कालामटिहनिया : अहिरौलीदान से विशुनपुर के बीच बनाये जा रहे गाइड बांध पर कटाव तेज होने से धरना पर बैठे आंदोलनकारियों में उबाल है. आंदोलन को बाढ़ नियंत्रण विभाग के खिलाफ उग्र करने का निर्णय […]

भसहीं में बांध पर कटाव से बाढ़पीड़ितों में आक्रोश
बांध को बचाने के लिए इलाके के लोग धरना पर बैठे
कालामटिहनिया : अहिरौलीदान से विशुनपुर के बीच बनाये जा रहे गाइड बांध पर कटाव तेज होने से धरना पर बैठे आंदोलनकारियों में उबाल है. आंदोलन को बाढ़ नियंत्रण विभाग के खिलाफ उग्र करने का निर्णय रविवार को लिया गया.
यहां आंदोलनकारियों से मिलने पहुंचे बाढ़ नियंत्रण विभाग के अभियंता प्रमुख राजेश कुमार को पीड़ितों ने अल्टीमेटम दिया. साथ ही सोमवार को विभाग और सरकार का पुतला जलाने का निर्णय लिया है. छठे दिन बड़े पैमाने पर महिलाओं ने धरना में शामिल होकर आंदोलनकारियों का हौसला बुलंद किया. दियारा संघर्ष समिति के बैनर तले धरना पर बैठे बाढ़पीड़ितों ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक बाढ़ नियंत्रण विभाग कटाव के लिए जिम्मेदार अभियंताओं पर कार्रवाई नहीं करता, तब तक धरना जारी रहेगा. पीड़ितों का आरोप है कि बाढ़ नियंत्रण विभाग की लापरवाही के कारण चार गांव उजड़ गये हैं. बचाव के नाम पर बड़े पैमाने पर धांधली की गयी है. बचाव कार्य जैसे-तैसे सुस्त गति से कराया जा रहा है.
दियारा संघर्ष समिति के संयोजक अनिल कुमार मांझी ने कहा कि विभाग के अभियंताओं के कारण स्थिति भयावह हुई है. जो इसके लिए दोषी हैं उन पर कार्रवाई जरूरी है. आंदोलन में मुख्य रूप से ग्रामीण राजेश देहाती, दिनेश शर्मा, राजबलम कुशवाहा, रोशन साह, लखीचंद पटेल, अवधलाल कुशवाहा, छठु साह, डॉ मो युसूफ, कलावती देवी, सरली देवी, मालती देवी, लखिया देवी, राजद नेता अरुण सिंह, पंकज कुमार, नंदकिशोर नंदू, उमेश यादव, बबीता देवी, लिलावती देवी, मुसम्मात भुखली, चंद्रावती देवी आदि शामिल हैं.
कालामटिहनिया . गंडक नदी का कटाव बेकाबू है. विशुनपुर-अहिरौलीदान के बीच निर्माणाधीन बांध के पास नदी का कटाव तेज हो गया है.
भसहीं में चार दिन पूर्व हाई अलर्ट कर 24 घंटे बचाव कार्य करने का निर्णय लिया गया था. विभाग महज 24 मजदूरों से बांध बचाने का प्रयास कर रहा है. नदी की उग्र धारा में बचाव कार्य पल भर में समा जा रहा है. तटबंध के पास नदी का कटाव तेज होने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. दियारा के एक दर्जन गांव के लोग भयभीत हैं.
ग्रामीणों का आरोप है कि चार दिन पहले बाढ़ नियंत्रण विभाग ने बांध को बचाने के लिए तीन शिफ्टों में काम कराने का भरोसा दिलाया था. काम शुरू भी हुआ, लेकिन महज 24-25 मजदूरों के बदौलत बांध को बचा पाना मुश्किल है. यहां पांच सौ हजार मजदूर 24 घंटे बचाव कार्य में जुटे रहे तब बांध को बचाया जा सकता है. ग्रामीणों का कहना है कि विभाग कागज में बचाव कार्य को युद्ध स्तर पर भले बता रहा है, लेकिन हकीकत काफी भयावह है. नदी जिस रफ्तार से कटाव कर रही है. नदी भसहीं में सिर्फ पायलट चैनल के आगे पारकोपाइन डालने के कारण उल्टा होकर गांव को काट कर बांध पर अटैक कर रहा.
बांध पर हो रहे बचाव कार्य की समीक्षा करने पहुंचे बाढ़ नियंत्रण विभाग के अभियंता प्रमुख राजेश कुमार देर शाम कालामटिहनिया और भसहीं पहुंचे. उन्होंने हो रहे बचाव कार्य की जानकारी ली. संवेदकों ने मजदूर नहीं मिलने की बात कही, जबकि ग्रामीणों ने अभियंता प्रमुख से कहा कि साहब दो दिन पूर्व आप स्थिति को देखने के बाद बड़ी कंपनी लगा कर बचाव कार्य कराने का भरोसा दिलाया था, लेकिन आपके भरोसे के बाद भी 20 – 25 मजदूरों से यहां बचाव कार्य कराया जा रहा है. नदी के उग्र रूप को तत्काल नहीं रोका गया, तो स्थिति और भयावह हो जायेगी. दियारा संघर्ष समिति की तरफ से कराये जा रहे बचाव कार्य पर आपत्ति जतायी गयी तथा अभियंता प्रमुख से तत्काल युद्ध स्तर पर कार्य कराने की अपील की गयी.
15.63 करोड़ से कराया गया था बचाव कार्य
कालामटिहनिया में वर्ष 2016 में पांच गांवों के कटने के बाद ग्रामीणों की मांग को ध्यान में रखते हुए बाढ़ नियंत्रण विभाग ने यहां 15.63 करोड़ रुपये आवंटित किये.
अभियंताओं ने यहां नदी की धारा को मोड़ने के लिए दो पायलट चैनल बनाया, जो फेल कर गया. साथ ही कटाव स्थल का जियो बैग से प्रोटेक्ट किया गया. जानकार बताते हैं कि बोल्डर से पीचिंग की गयी होती, तो शायद कटाव से चार गांवों के उजड़ने की नौबत नहीं आती. पूरी तरह से विभाग के अभियंताओं के कारण गांव के लोग आज विस्थापित होकर जहां-तहां शरण लिये हुए हैं. कटाव जब शुरू हुआ तो तत्काल उसे रोकने का प्रयास नहीं किया गया. हालांकि बाढ़ नियंत्रण के कार्यपालक अभियंता नवलकिशोर सिंह बताते हैं कि बाढ़ के कारण चारों तरफ पानी फैल गया था. किसी तरह मजदूरों को खोज कर काम कराया गया है.
कालामटिहनिया. कुचायकोट प्रखंड के विशंभरपुर में 150 कटावपीड़ितों के बीच राहत सामग्री का वितरण किया गया. राहत सामग्री के रूप में साड़ी, धोती, शर्ट, पैंट, समीज, सलवार तथा चूड़ा, गुड़, बिस्कुट का वितरण किया गया. इस कार्य हेतु अभिलाषा ज्योति फाउंडेशन की अध्यक्षा ज्योति श्रीवास्तवा, सचिव आनंद बिहारी प्रसाद, रूप नारायण पटना से राहत सामग्री के साथ आये थे. अभिलाषा ज्योति फाउंडेशन के स्थानीय सदस्य अरविंद सुमन भी राहत स्थल पर उपस्थित रहे.
रघु रोशनी सेवा संस्थान के सचिव विपिन बिहारी श्रीवास्तव, भवानी मीरा, अंचल अप्रतिम एवं क्षितिज समीर ने भी बड़ी मात्रा में राहत सामग्री के साथ उपस्थित होकर राहत सामग्री के वितरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया. स्थानीय वार्ड सदस्य दिनेश कुमार गुप्ता ने भी राहत सामग्री के वितरण में काफी सहयोग दिया.

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