गोपालगंज : आसमां से टपकती बारिश की बूंद और जमीन पर बाढ़ के तांडव के बीच दो लाख की आबादी जल प्रलय से जूझ रही है. मंगलवार की रात नारायणी की शुरू तबाही बदस्तूर जारी है. चार दिनों से हो रही बारिश से जिलावासी परेशान हैं. मंगलवार की रात नारायणी का कहर एकाएक टूट पड़ा और शांत पड़ी लोगों की जिंदगी में तूफान आ गया.
बरौली प्रखंड के परसौनी में छरकी ध्वस्त हो गया और तबाही का मंजर शुरू हो गया. आधा दर्जन पंचायतों के लगभग 30 गांव बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. छरकी टूटने से पानी का फैलना अभी जारी हीं था कि बुधवार की दोपहर सदौवां और सरेयां के बीच मुख्य सारण तटबंध ध्वस्त हो गया और तबाही बन कर आयी गंडक नदी ने गांवों में तांडव मचानी शुरू कर दी है. वैसे जिले के 97 गांव बाढ़ के तांडव से जूझ रहे हैं. हर जगह स्थिति भयावह बनी है. इधर गांव और घरों में पानी का फैलाना जारी है.
हर तरफ चीख-चीत्कार मचा है. फिलहाल 90 हजार से अधिक की आबादी बाढ़ रूपी प्रलय से जूझ रही है.
कुचायकोट : स्थानीय प्रखंड के श्यामपुर नयाटोला गांव के सामने सारण तटबंध में दरार आने से पानी का रिसाव शुरू हो गया है. मंगलवार की अहले सुबह ग्रामीणों ने इसकी सूचना बीडीओ को दी. आनन-फानन में बीडीओ दीपचंद्र जोशी और स्थानीय सीओ चौधरी राम तथा ड्रेनेज विभाग के कार्यपालक अभियंता नवल किशोर सिंह व अपर समाहर्ता ने मोके पर मरम्मत का कार्य शुरू कराया. बांध में दरार के कारण कई गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ा गया है.
हुजूर! नाव का नहीं मिला भुगतान
सिपाया में पीड़ितों की स्थिति की जानकारी लेने मंगलवार को डीएम राहुल कुमार पहुंचे थे, जहां पीड़ितों ने अपनी दुर्दशा को बयां किया, तो नाविकों ने डीएम से कहा कि हुजूर 2016 में दियारा के पीड़ितों को निकालने के लिए नाव चलायी गयी थी आज तक उसका भुगतान नहीं मिल सका है. इस पर नाराजगी जताते हुए डीएम ने तत्काल प्रभाव से इन्हें भुगतान दिलाने का भरोसा दिलाया. मौजूद अंचल पदाधिकारी चौधरी राम को निर्देश दिये कि तत्काल प्रभाव से इन्हें भुगतान दिया जाये.