जीएसटी की मार. गरीबों के िलए प्रधानमंत्री आवास योजना पर लगा ग्रहण
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बालू-सीमेंट महंगा होने से काम रुका
जीएसटी की मार. गरीबों के िलए प्रधानमंत्री आवास योजना पर लगा ग्रहण जीएसटी के पेच और बालू की भारी किल्लत के बीच गरीबों के आवास बनवाने की योजना दम तोड़ने लगी है. बालू किसी भी भाव में नहीं मिल रहा है. गोपालगंज : बालू ढूंढ़ने से नहीं मिल रहा है. कैसे घर का सपना पूरा […]
जीएसटी के पेच और बालू की भारी किल्लत के बीच गरीबों के आवास बनवाने की योजना दम तोड़ने लगी है. बालू किसी भी भाव में नहीं मिल रहा है.
गोपालगंज : बालू ढूंढ़ने से नहीं मिल रहा है. कैसे घर का सपना पूरा होगा. बालू ने गरीबों के घर बनाने के सपने को चकनाचूर कर दिया है. यदि कहीं मिल भी गया, तो मनमानी कीमत देनी पड़ रही है. कुछ ऐसा ही हाल सीमेंट का है. इसके भी दाम प्रति बोरी 10 से 15 रुपये तक बढ़े हुए हैं. कहीं दुकानदार जीएसटी का रोना रो रहे हैं, तो कहीं बालू का संकट है. ऐसे में आखिर गरीब घर कैसे बनवाये. बढ़ी हुई दर और वर्तमान हालात ने गरीबों के आवास के सपने पर ग्रहण लगा दिया है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिस दिन गरीबों को राशि मिली, उन्हें उस दिन खुशी का ठिकाना न रहा कि अब उनका घर बन जायेगा.
लेकिन, जब वे बाजार का हाल समझे हैं तब उनके पैर तले जमीन खिसक रही है. आखिर उस राशि में वे अपना घर बनवायेंगे? प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो राशि मिल रही है वह महंगाई के सामने कम पड़ रही है. हालात यही रहा तो गरीबों को अभी झोंपड़ी में ही रहना पड़ेगा. जब तक बिल्डिंग मेटेरियल का दाम न कम हो जाये या राशि न बढ़ जाये. फिलहाल इसका प्रभाव आवास योजना पर स्पष्ट दिख रहा है. लाभुकों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलनेवाली राशि बढ़े दाम के बाद न सिर्फ कम पड़ रही है, बल्कि महंगाई योजना पर ग्रहण लगा रहा है. घर बनाने का काम रुक गया है़
शहर में 157 लोगों का बन रहा आवास
शहर के 157 गरीबों का प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास बन रहा है. इस योजना में लाभुकों को दो-दो लाख रुपये दिये जाते हैं. नगर पर्षद द्वारा इन गरीबों को आवास बनाने के लिए वर्क आर्डर दिया जा चुका है. साथ ही प्रथम किस्त के रूप में 50 हजार रुपये दिये गये हैं. वहीं कुल 28 लाभुकों को दूसरी किस्त के रूप में एक लाख रुपये दिये गये हैं.
तीसरी किस्त आवास पूर्ण होने के बाद : योजना के अनुसार, तीसरी किस्त की राशि के रूप में 50 हजार रुपये आवास पूर्ण करने के बाद भौतिक सत्यापन करने के बाद लाभुक को दिये जाते हैं. मालूम हो कि वर्तमान समय में बालू व सीमेंट महंगा होने से आवास का निर्माण कार्य रुका हुआ है. विभाग आवास निर्माण समय से पूरा कराने के लिए अभी कोई प्लान नहीं बनाया है.
एक नजर में मेटेरियल भाव
सामान वर्तमान दर पूर्व की दर
छड़ 4100 4200
गिट्टी 8500 9500
सीमेंट 345 330
बालू 9000 4500
क्या कहता है विभाग
जीएसटी संबंधी किसी भी समस्या के निदान के लिए प्रत्येक बुधवार को दिन 11 बजे से 1:30 बजे दिन तक कैंप का आयोजन किया गया है. इसमें सभी प्रकार का निदान कराया जा रहा है.
विजय कुमार, उपायुक्त वाणिज्यकर विभाग, गोपालगंज
क्या कहते हैं व्यवसायी
बालू मिल नहीं रहा है. जीएसटी को लेकर अभी स्पष्ट कुछ भी नहीं है. इसका हाल ठीक वैसा है जैसे नयी सड़क पर होनेवाली दुर्घटनाओं का है. असमंजस की स्थिति है. धीरे-धीरे सुधार होगा.
हेमंत कुमार, व्यवसायी
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