बोधगया. बोधगया स्थित शंकराचार्य मठ में आयोजित तीन दिवसीय ईस्ट इंडिया डिविजनल काउंसिल ब्रह्मचारी एवं संन्यासी संघोत्सव में बुधवार को बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां शामिल हुए. उन्होंने संन्यासियों की भूमिका विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति के संवाहक हमारे संत मठ और मंदिर रहे हैं. खासकर, भारत की भूमि अन्य विचारकों और पंथों के लिए भी समान रूप से खुली रही है. हम आज भी इस विचार का पालन कर रहे हैं. सनातन संस्कृति के मठों की उदारता तो इस कदर है कि विभिन्न धर्मों से कभी दुराव नहीं रहा. स्वामी विवेकानंद ने भी बोधगया शंकराचार्य मठ के इतिहास की व्याख्या करते हुए कहा कि यह मठ आदि गुरु शंकराचार्य परंपरा का संवाहक है. इस्कॉन मंदिर के संरक्षक देवकी नंदन दास, विष्णु पद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शंभूलाल विठ्ठल, वॉट लाओ इंटरनेशनल टेंपल के भिक्षु प्रभारी साईसाना बौद्धबोंग ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया. इस मौके पर इस्कॉन मंदिर के प्रभारी जगदीश श्याम दास, बीटीएमसी के भिक्षु धर्मेंद्र, होटल एसोसिएशन बोधगया के महासचिव संजय कुमार सिंह, चैंबर ऑफ कॉमर्स के कौशलेंद्र प्रताप, अनूप केडिया, विपेंद्र अग्रवाल सहित अन्य मौजूद थे.
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