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Pitru Paksha 2024: तीर्थ यात्रियों के लिए बन रही टेंट सिटी, सुरक्षा के लिए 29 पुलिस कैम्प तैयार

Pitru Paksha 2024: पितरों की मोक्ष स्थली गयाजी में 17 सितंबर से शुरू हो रहे राजकीय पितृपक्ष मेला-2024 में देश विदेश से आने वाले तीर्थ यार्थियों को समुचित बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन लगातार कसरत कर रही है.

Pitru Paksha 2024: पितरों की मोक्ष स्थली गयाजी में 17 सितंबर से शुरू हो रहे राजकीय पितृपक्ष मेला-2024 में देश विदेश से आने वाले तीर्थ यार्थियों को समुचित बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन लगातार कसरत कर रही है. बेहतर व्यवस्था को लेकर मेला क्षेत्र का निरीक्षण के साथ-साथ विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों साथ जिला पदाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम लगातार बैठक कर रहे हैं. मेले का प्रचार-प्रसार भी प्रशासनिक स्तर पर जोर-शोर से होने से तीर्थ यात्रियों की संख्या में काफी वृद्धि होने की संभावना है. सरकारी आंकड़े के अनुसार, 17 दिवसीय मेले में बीते वर्ष 2023 में 15 लाख से अधिक तीर्थयात्री आये थे.

गदाधर घाट पर बनाया जा रहा यात्री शेड

तीर्थयात्रियों के लिए अस्थायी के अलावा दो हजार स्क्वायर फुट का एक और नया यात्री शेड विधायक कोटे से बनाया जा रहा है. यह यात्री शेड फल्गु नदी के देवघाट के पास स्थित गदाधर घाट पर बनाया जा रहा है, जो 30 फुट चौड़ा व 65 फुट लंबा होगा. इस यात्री शेड के बनाने में विधायक कोष से करीब नौ लाख रुपये खर्च किये जा रहे हैं. इस यात्री शेड का निर्माण करा रहे संवेदक राजकुमार गुप्ता ने बताया कि पितृपक्ष मेला शुरू होने से पहले निर्माण कार्य पूरा कर लिया जायेगा.

रामकुंड की जड़ से करायी जा रही सफाई

आदिकाल में यहां 365 वेदी स्थलों पर पिंडदान का विधान था. रखरखाव व प्रशासनिक उदासीनता के कारण वर्तमान में इसकी संख्या सिमट कर केवल 54 रह गयी है. 17 दिवसीय कर्मकांड के लिए आने वाले पिंडदानी इन सभी वेदी स्थलों पर पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण का कर्मकांड करते हैं. इन वेदी स्थलों में शहर के उत्तरी क्षेत्र स्थित रामशिला कुंड है, जहां त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने अपने पूर्वजों को पिंडदान व तर्पण का कर्मकांड किये थे.

राम कुंड की जड़ से सफाई करायी जा रही है

इसकी महत्ता को देख जिला प्रशासन की ओर से इस बार राम कुंड की जड़ से सफाई करायी जा रही है. पहले कुंड में जमे दूषित पानी को मोटर के जरिये हटाया गया. इसके बाद कुंड के निचले सतह पर जमे गाद की सफाई करायी जा रही है. तीर्थ यात्रियों को आकर्षित करने के लिए कुंड की चारों तरफ की दीवारों को कलाकारों द्वारा रामायण से जुड़ी विभिन्न झांकियां व मिथिला पेंटिंग से सजाया जा रहा है.

25 सौ यात्रियों की क्षमता की बन रही टेंट सिटी

पिछले वर्षों की तरह इस वर्ष भी पर्यटन विभाग की ओर से यात्रियों को ठहरने के लिए गांधी मैदान में टेंट सिटी बनाया जा रहा है. इस बार टेंट सिटी की क्षमता 25 सौ यात्रियों की होगी, जहां एक साथ 25 सौ यात्री सभी सुविधाओं के साथ रह सकेंगे. टेंट सिटी में यात्रियों को आवासान के साथ-साथ बिजली, पानी, सफाई, शौचालय, सुरक्षा व लॉकर की भी सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध होगी.

सुरक्षा के लिए बनाये जा रहे 29 पुलिस कैंप

संवाद सदन समिति के सचिव रवींद्र कुमार दिवाकर ने बताया कि पितृपक्ष मेले में देश-विदेश से आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा के लिए जिला पुलिस के अलावा राज्य के अन्य जिलों से करीब चार हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को जिला प्रशासन की ओर से ड्यूटी पर लगायी जा रही है. इन पुलिस कर्मियों को रहने के लिए 29 पुलिस कैंप बनाये गये हैं. वहीं टेंट सिटी के अलावा यात्रियों के ठहरने के लिए 512 निजी धर्मशाला व 35 सरकारी विद्यालयों का चयन किया गया है. उन्होंने बताया कि इन विद्यालयों व निजी धर्मशाला में प्रतिदिन औसतन 16 हजार से अधिक तीर्थ यात्रियों को आवासन सुविधा मिल सकेगी.

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बिजली आपूर्ति के लिए होंगे 40 लाख रुपये खर्च

पितृपक्ष मेला में तीर्थ यात्रियों को निर्बाध व गुणवत्तापूर्ण बिजली उपलब्ध कराने के लिए साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड बीते करीब दो माह से कसरत कर रही है. मेला क्षेत्र सुचारू बिजली आपूर्ति के लिए कंपनी करीब 40 लाख रुपये खर्च कर रही है. कंपनी के शहरी क्षेत्र के कार्यपालक अभियंता प्रेम कुमार प्रवीण ने बताया कि पितृपक्ष मेला को लेकर अच्छा विद्युत शक्ति उपकेंद्र का मेंटेनेंस किया गया है.

एक समेत दो अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाये गये

33 केवी के नौ व 11 केवी के 24 फीडर को दुरुस्त कराया गया है. पितृपक्ष मेला क्षेत्र में 200 केवीए के एक व 63 केवीए के एक समेत दो अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाये गये हैं. प्रमुख मेला क्षेत्र के 220 बिजली खंभे पर विद्युत रोधी डाइलेक्ट्रिक पेंट कराया गया है. मेला क्षेत्र के करसिल्ली, घंटाघर, लखनपुरा, दक्षिण दरवाजा, दंडी बाग समेत कई अन्य प्रमुख जगहों पर नंगे एलटी तार को एलटी एबी केवल में बदला जा रहा है. नारायण चुआं, पीएनबी एटीएम के पास व उपरडीह मेला क्षेत्र के क्षतिग्रस्त बिजली पोल को बदला गया है.

कंट्रोल रूम से सम्पर्क हेतु

इसके अलावा बंगाली आश्रम, श्मशान घाट, बैजनाथ बैठक, विष्णु द्वार, लखनपुरा नयी सड़क समेत कई अन्य जगहों पर 11 केवी कवर्ड कंडक्टर लगाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि किसी तरह की शिकायत के लिए कंपनी की ओर से अस्थायी विद्युत कंट्रोल रूम को भी खोला जा रहा है. कंट्रोल रूम का मोबाइल नंबर 9262595902 है.

रिपोर्ट- नीरज कुमार, गया

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