गया. सजा दो घर गुलशन का मेरे महावीर आये हैं….के गीतों के साथ सत्य, अहिंसा व त्याग के शाश्वत जैन धर्म के 24वें व अंतिम तीर्थंकर 1008 भगवान महावीर स्वामी जी का 2625वां जन्मकल्याणक महोत्सव गुरुवार को जैन धर्मावलंबियों द्वारा धार्मिक आस्था व धूमधाम से मनाया गया. जयंती के अवसर पर सुबह 6:30 बजे श्री मंदिर के गुंबद शिखर पर मंत्रोंच्चारण पूर्वक धर्म ध्वजा लगाये गये. इसके बाद जैन मंदिर से ढोल बाजे के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गयी. शोभायात्रा में सैकड़ों की संख्या में जैन समाज की महिलाएं, पुरुष व बच्चे शामिल थे. प्रभातफेरी में आगे-आगे महावीर स्वामी की अष्टधातु की प्रतिमा शोभायमान थी. जैन श्रद्धालु हाथ में धर्म ध्वजा लेकर चल रहे थे. महिलाएं पीले वस्त्र में थी. प्रभात फेरी जैन मंदिर से निकलकर पीर मंसूर, कलेक्ट्रेट, केदारनाथ मार्केट, बड़ा पोस्ट ऑफिस, जीबी रोड, लोहा पट्टी, बजाज रोड, ला रोड, शहीद रोड, केपी रोड, चौक होते हुए पुन: जैन मंदिर पहुंचकर समाप्त हुई, जहां जैन परंपरानुसार श्री जी मंदिर के गुंबद शिखर पर सामूहिक ध्वज गीत गाकर ध्वज बंधन लगाया गया. कई जगहों पर श्रद्धालुओं ने भगवान महावीर की आरती उतारी. जैन पाठशाला के बच्चे भगवान महावीर के जीवन दर्शन पर आधारित उपदेशों- जियो और जीने दो, शाकाहार अपनाओ, सभी प्राणियों के प्रति दया भाव रखो, पर्यावरण का संरक्षण करो लिखे पोस्टर के माध्यम से संदेश दे रहे थे.
झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र बनी रही
शोभा यात्रा में भगवान महावीर की झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र बनी रही. इसके पूर्व सुबह छह बजे श्री जी मंदिर में भगवान महावीर को स्वर्ण कलशों के पवित्र जल से महा मस्ताभिषेक, शांति धारा का पाठ, पूरे विधि विधान के साथ विशेष पूजा व आराधना की गयी. इस दौरान वैश्विक शांति के लिये णमोकार महामंत्र का जाप किया गया. इस मौके पर दोपहर में दिगंबर जैन समाज की ओर से गांधी चौक के पास भंडारा का प्रसाद वितरण किया गया.देर शाम महिलाओं ने मंदिर में दीये जलाये व महावीर स्वामी के बताए हुए मार्गों पर चलने का संकल्प दोहराया. सर्वोदय विद्यासागर जैन पाठशाला की प्राध्यापिका आशा सेठी के निर्देशन में विद्यार्थियों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम की मनमोहक प्रस्तुति दी की गयी. साथ ही बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया गया. समाज के अध्यक्ष अजीत जैन ने बताया कि आज से 2625 वें वर्ष पूर्व तीर्थंकर महावीर स्वामी जी का जन्म वैशाली में हुआ था. इनका जीवन आज के युग के लिए एक प्रेरणा है, और इस दिन को मनाने का उद्देश्य उन्हीं के मूल्यों और जीवन दर्शन को समाज तक पहुंचाना है. इस अवसर पर अध्यक्ष अजीत कुमार जैन, विकास जैन, हेमंत पाटनी, हर्ष काला, अर्पित पाटनी, आशा सेठी, राजू गंगवाल, संतोषी जैन, नीलम बाड़जात्या, पिंकी काला, मोनिका अजमेरा, अंजना जैन, प्रमिला काला, मीडिया प्रभारी मुन्ना सरकार जैन सहित कई अन्य मुख्य रूप से उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

