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विष्णुपद मंदिर में 51 किलो की चांदी की पालकी में विराजे भगवान

मंदिरों के पुजारी व मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के कुछ पदाधिकारियों व सदस्यों की देखरेख व संयोजन में झूलनोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है. इस वर्ष भी विष्णुपद मंदिर प्रांगण के सभागार में लगाये गये 51 किलो के चांदी की पालकी में भगवान विष्णु के सोने के चरण विराज चुके हैं.

गया : शहर के विष्णुपद मंदिर सहित कई ठाकुरबाड़ियों में गुरुवार की शाम से झूलनोत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया गया. सावन मास के आखिरी पांच दिनों तक आयोजित होनेवाले झूलनोत्सव में दर्शन व पूजन से लोगों को कोरोना ने वंचित रखा गया है. मंदिरों के पुजारी व मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के कुछ पदाधिकारियों व सदस्यों की देखरेख व संयोजन में झूलनोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है. इस वर्ष भी विष्णुपद मंदिर प्रांगण के सभागार में लगाये गये 51 किलो के चांदी की पालकी में भगवान विष्णु के सोने के चरण विराज चुके हैं. कार्यक्रम की भव्यता को लेकर इस झूले व मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया है. मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के सचिव गजाधर लाल पाठक, सदस्य महेश लाल गुप्त, शंभूलाल विठ्ठल के अलावा समिति के कई अन्य पदाधिकारियों व सदस्यों के साथ-साथ पंडा समाज के कुछ लोग इस कार्यक्रम में शामिल होकर भगवान के झूले को झूला रहे हैं.

महादेव मंदिर की पवित्र मिट्टी को भेजा गया अयोध्या

बांकेबाजार. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गांव से मंदिरों की मिट्टी डाकघर द्वारा अयोध्या भेजने का सिलसिला जारी है. गुरुवार को प्रखंड क्षेत्र के दिघासीन गांव के समीप शृंगाही पर्वत पर अवस्थित महादेव मंदिर की पवित्र मिट्टी नवयुवक सामाजिक प्रगति पुस्तकालय दीघासिन के कार्यकर्ताओं व ग्रामीणों द्वारा भेजी गयी. इस कार्यक्रम में पुस्तकालय अध्यक्ष रिंकू कुमार, सचिव अंबुज कुमार गुंजन, कोषाध्यक्ष रवि रंजन कुमार, सुधीर कुमार मनोज कुमार विनय कुमार ने श्रद्धापूर्वक हिस्सा लिया. गौरतलब है कि इसके पहले विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा मां के धाम स्थित मनोकामना महादेव मंदिर की मिट्टी भी रामलला के मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या भेजी गयी थी.

सोमेश्वर महादेव मंदिर की रंगाई-पुताई का काम शुरू

गया . विष्णुपद क्षेत्र के फल्गु नदी के तट पर देवघाट पर स्थित श्री सोमेश्वर महादेव मंदिर में बीते वर्षों की तरह इस वर्ष भी सावन पूर्णिमा के अवसर पर विशेष पूजन, महाआरती, रुद्राभिषेक व सोमवार को भगवान शिव का भव्य शृंगार का आयोजन किया जायेगा. इसकी तैयारी को लेकर मंदिर की रंगाई-पुताई का काम बीते दिनों से कराया जा रहा है. जानकारी देते हुए मंदिर के देखरेख कर्ता गजाधर लाल पांडेय ने बताया कि कोरोना को लेकर विशेष तैयारी नहीं की गयी है. उन्होंने बताया कि सावन की आखिरी सोमवारी को रुद्राभिषेक व विशेष पूजन का आयोजन किया जायेगा. साथ ही भगवान शिव का भव्य शृंगार होगा. शृंगार के बाद श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया जायेगा. श्री पांडेय के अनुसार यह मंदिर आदिकाल से स्थापित है. यहां सफेद पत्थर का शिवलिंग स्थापित है, जो गया में इकलौता है.

posted by ashish jha

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