गया: सुबह के 9:40 बजे शहीद सुनील का काफिला एफसीआइ-रेलवे क्रॉसिंग के पास पहुंचा. लेकिन, एफसीआइ रेलवे क्रॉसिंग से कुछ अजीब सा नजारा देखने का मिला. वहां से बोकनारी तक करीब नौ किलोमीटर की दूरी में ऐसा लग रहा था, जैसे मानव श्रृंखला बना कर लोग सड़क किनारे शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए खड़े हो. यह अद्भुत नजारा था. प्रशासन या किसी अन्य स्रोतों द्वारा घोषणा भी नहीं करायी गयी थी. बिना सूचना के लोगों सड़क किनारे जुटे थे.
रुक सी गयी थी रफ्तार भरी जिंदगी : आधुनिकता के इस दौर में हर व्यक्ति भाग-दौड़ में लगा रहता है. सड़कों पर हादसे को नजरअंदाज कर ओवरटेक करने का नजारा इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है. लेकिन, मंगलवार को जब गया-परैया मुख्य पथ से शहीद का काफिला गुजर रहा था, तो लोगों की रफ्तार थम सी गयी थी. एफसीआइ रेलवे क्रॉसिंग से बोकनारी तक की यात्रा में किसी ने काफिले को ओवरटेक नहीं किया. काफिले के आने की दिशा से आनेवाले सभी वाहन पीछे से उसी कतार में चलते रहे.
किसी ने ओवरटेक करने की हिम्मत नहीं जुटाई. जो चारपहिया, तीन पहिया व दोपहिया वाहन जो काफिले की विपरीत दिशा से आ रहा था, उसके ड्राइवर ने भी अपनी गाड़ी को बिना कहे पूछे सड़क किनारे साइड कर लेते. ऐसा लगा रहा था कि मानो लोगों की रफ्तार भरी जिंदगी कुछ देर के लिए थम सी गयी है.