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देशद्रोह के आरोपित सहायक कमांडेंट जेल से छूटे
गोपनीय सूचनाओं को माओवादी के शीर्ष नेताओं तक पहुंचाने का आरोप 2013 में सीआरपीएफ कैंप से हुई थी संजय यादव की गिरफ्तारी आरा के रहनेवाले, विभागीय कार्रवाई का करना पड़ेगा सामना रोशन कुमार गया : देशद्रोह के आरोप में करीब तीन वर्षों से गया सेंट्रल जेल में बंद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के निलंबित […]
गोपनीय सूचनाओं को माओवादी के शीर्ष नेताओं तक पहुंचाने का आरोप
2013 में सीआरपीएफ कैंप से हुई थी संजय यादव की गिरफ्तारी
आरा के रहनेवाले, विभागीय कार्रवाई का करना पड़ेगा सामना
रोशन कुमार
गया : देशद्रोह के आरोप में करीब तीन वर्षों से गया सेंट्रल जेल में बंद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के निलंबित सहायक कमांडेंट संजय यादव को कोर्ट ने राहत दी है. 18 नवंबर, 2013 से लगातार जेल में रहने के बाद वह विगत छह सितंबर को जेल से बाहर निकले. इसकी पुष्टि पुलिस ने की है. उनके विरुद्ध वर्ष 2013 में पटना एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की टीम ने गया जिले के इमामगंज थाने में एफआइआर (कांड संख्या 169\\13) दर्ज करायी थी. देशद्रोह सहित स्पेशल सीक्रेट एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई थी.
एसटीएफ ने श्री यादव के विरुद्ध आरोप लगाया था कि उन्होंने गया जिले के नक्सलग्रस्त इलाकों में सीआरपीएफ व पुलिस द्वारा भाकपा-माओवादी संगठन के विरुद्ध चलाये जानेवाले ऑपरेशन की रणनीति से संबंधित सूचनाओं को लीक किया है. ऑपरेशन से संबंधित गोपनीय सूचनाओं को माओवादी के शीर्ष नेताओं तक पहुंचाया. एसटीएफ ने सहायक कमांडेंट को सीआरपीएफ कैंप से गिरफ्तार कर पुलिस को सौंप दिया था. तब से निलंबित सहायक कमांडेंट सेंट्रल जेल में बंद थे.
करीब तीन वर्षों तक लगातार जेल में रहने के बाद सहायक कमांडेंट को विभागीय कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. 2013 में जिस दिन सहायक कमांडेंट की गिरफ्तारी हुई थी, उसी दिन सीआरपीएफ मुख्यालय के वरीय अधिकारियों ने उन्हें निलंबित कर दिया था. वह आरा जिले के रहनेवाले हैं. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जेल से बाहर आने के बाद वह अपने परिवार के साथ अपना समय बीता रहे हैं.
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