खिजरसराय: महकार गांव की शादी तो हो गयी, पर सिंदूरदान बाकी रह गया है. सिंदूरदान की प्रक्रिया पूरी होती है या नहीं, यही चिंता का विषय है. यह उद्गार है मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के गांव के रहनेवाले अनिल कुमार का.
अपनी बातें स्पष्ट करते हुए शनिवार को उन्होंने कहा कि वे लोग श्री मांझी के मुख्यमंत्री बनने से काफी राहत की स्थिति में थे. आश्वस्त थे कि सब कुछ हो जायेगा. पर, अगर श्री मांझी अपने पद से हटते हैं, तो आगे चल कर क्या होगा, कौन जानता है.
दरअसल, सिंदूरदान से श्री सिंह का आशय महकार में मुख्यमंत्री श्री मांझी की पहल पर चल रही परियोजनाओं के पूरा होने से था. श्री सिंह के गांव के ही रहनेवाले संजीत सिंह ने कहा कि शुक्रवार से तो उनलोगों की धड़कन ही बढ़ गयी है. सब चिंतित हैं कि आगे गांव का क्या होगा. बहुत दिन बाद गांव को एक अवसर मिला था. आमूल-चूल बदलाव का मौका था. संजीत के मुताबिक, वे लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि श्री मांझी के सामने आये राजनीतिक संकट के चलते कहीं महकार में विकास का कारवां ही न रुक जाये.