बोधगया : मलेशिया के दातुक डॉ लिम सियो जिन(आचार्य नागाजिवा) के नेतृत्व में रविवार को संबोधि रिट्रीट के पास निरंजना नदी में एक साथ पांच हजार से ज्यादा लोगों ने शून्यता का अभ्यास किया. इनमें नेपाल, भूटान, मलेशिया व भारत के लोग शामिल हुए. इस अवसर पर डॉ लिम ने बताया कि व्यस्त जीवन शैली में कुछ पल के लिए अपने को शून्य में महसूस करने से व्यक्ति तरोताजा हो जाता है.
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मलेशिया के दातुक ने बोधगया में किया शून्य अभियान का शुभारंभ
बोधगया : मलेशिया के दातुक डॉ लिम सियो जिन(आचार्य नागाजिवा) के नेतृत्व में रविवार को संबोधि रिट्रीट के पास निरंजना नदी में एक साथ पांच हजार से ज्यादा लोगों ने शून्यता का अभ्यास किया. इनमें नेपाल, भूटान, मलेशिया व भारत के लोग शामिल हुए. इस अवसर पर डॉ लिम ने बताया कि व्यस्त जीवन शैली […]
यहां मौजूद लोगों को शून्यता का अभ्यास कराया गया ताकि कुछ पल निकाल कर लोग मेडिटेशन, साधना करें और शून्यता में जियें. इसके बाद अपने-अपने काम में लग जायें. इससे उनके जीवन में शांति व समृद्धि आयेगी. निरंजना नदी में कुछ देर तक शून्यता की प्रैक्टिस के बाद डॉ लिम की अगुवाई में एक शांति यात्रा निकाली गयी जो नदी पार कर महाबोधि मंदिर पहुंची.
इसके बाद मंदिर परिसर स्थित साधना उद्यान में डॉ लिम ने शून्य अभियान का औपचारिक रूप से उद्घाटन किया. यहां उल्लेखनीय है कि डॉ लिम चायनीज वंश से नाता रखते हैं और इनका जन्म मलेशिया में हुआ है. इन्होंने आइआइटी खड़गपुर से स्नातक की है और आज ये सफल बहुराष्ट्रीय कंपनी डीएक्सएन के मालिक हैं.
डॉ लिम ने बताया कि वह झेन की ध्यान पद्धति से प्रभावित थे जो भारत के बौद्ध शिक्षक नागार्जुन व कुमारजिवा की शिक्षा पर आधारित है. उन्होंने बताया कि बोधगया में गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी, जो उनके परम शून्य हैं. उन्होंने बताया कि डीएक्सएन का तेलंगाना में विश्व की सबसे बड़ी फैक्ट्री स्थापित की जा रही है.
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