17 वें ग्यालवा करमापा उज्ञेन त्रिनले दोरजे के नहीं आने से विदेशी अनुयायियों की संख्या हुई नगण्य
बोधगया : बोधगया में हर वर्ष आयोजित होने वाला काग्यु मोनलम चेन्मो में काग्यु पंथ के धर्मगुरु 17 वें ग्यालवा करमापा उज्ञेन त्रिनले दोरजे के शामिल होने की संभावना अब खत्म होते जा रही है. सुजाता बाइपास रोड स्थित तेरगर मोनास्टरी व काग्युपा पवेलियन में आगामी 14 जनवरी से आयोजित होने जा रहे काग्यु मोनलम चेन्मो की तैयारी तो शुरू कर दी गयी है, लेकिन 17 वें करमापा के नहीं आने से यहां उदासी का माहौल बना हुआ है. करमापा के विदेशी अनुयायियों की संख्या भी नगण्य दिख रही है.
मुख्य रूप से पश्चिमी देशों व दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों से करमापा के अनुयायी यहां आते रहे हैं व करमापा की टीचिंग में शामिल होते रहे हैं. लेकिन, इस बार करमापा की मौजूदगी नहीं होने की सूचना पर विदेशियों की संख्या नहीं के बराबर है. केवल काग्यु पंथ के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के लामा व तराई क्षेत्र के कुछ श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं. तेरगर मोनास्टरी के आसपास हर वर्ष की तरह इस वर्ष विदेशियों को नहीं देखा जा रहा है. तेरगर मोनास्टरी के कार्यालय से जानकारी मिली कि पहले की तुलना में इस वर्ष अब तक 40 प्रतिशत विदेशी अनुयायी ही यहां पहुंच सके हैं.
17 वें करमापा उज्ञेन त्रिनले दोरजे के नहीं आने से उनके अनुयायियों की संख्या भी काफी कम देखी जा रही है. इससे होटल व ट्रैवल्स व्यवसाय को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा. होटल एसोसिएशन बोधगया के महासचिव संजय कुमार सिंह ने बताया कि एक सप्ताह तक बोधगया स्थित होटल व गेस्ट हाउसों में गहमागहमी रहती थी. करीब पांच से सात हजार विदेशी होटलों में ठहरते थे.
इस तरह से ठहरने व भोजन के मद में लगभग 10 करोड़ रुपये का व्यय विदेशियों द्वारा किया जाता लेकिन, करमापा के नहीं आने से उनके अनुयायियों की संख्या में भी भारी कमी आ गयी है. इससे होटल संचालकों को नुकसान उठाना पड़ेगा. इसी तरह बोधगया ट्रैवल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश सिंह ने बताया कि टूर एंड ट्रैवल्स के क्षेत्र में पांच से छह करोड़ रुपये का टर्नओवर हो सकता था. एयर टिकट से लेकर ट्रेन टिकट व साइट विजिट के लिए ट्रैवल्स कंपनियों के माध्यम से कारोबार होता है.
लेकिन, विदेशी अनुयायियों व बौद्ध श्रद्धालुओं की कम मौजूदगी के कारण इस वर्ष बोधगया का व्यवसाय चौपट हो गया है. नुकसान के सवाल पर फल व सब्जी बिक्रेताओं का भी कहना है कि बोधगया में विदेशी पर्यटक व बौद्ध श्रद्धालुओं की संख्या कम होने से फल व सब्जी की खपत भी घट जाती है. होटलों में इसकी डिमांड नगण्य हो जाता है. इस कारण लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा.
टेंट सिटी भी नजर आने लगी सूनी : पिछले कुछ वर्षों से काग्यु मोनलम चेन्मो के दौरान तेरगर मोनास्टरी के पीछे टेंट सिटी का निर्माण कराया जा रहा है.
इसमें मुख्य रूप से पश्चिमी देशों से आये करमापा के अनुयायियों को रहने की व्यवस्था की जाती रही है. लेकिन, इस वर्ष विदेशियों के नहीं आने के कारण मंदिर प्रबंधन द्वारा बौद्ध श्रद्धालुओं को टेंट उपलब्ध कराये जा रहे हैं. फिलहाल यहां 300 टेंट बनाये गये हैं, लेकिन ज्यादातर खाली पड़े हुए हैं.
तेरगर मोनास्टरी के प्रभारी सह तिब्बतन पार्लियामेंट के सदस्य लामा कुंगा सोटोप ने बताया कि फिलहाल 17वें ग्यालवा करमापा उज्ञेन त्रिनले दोरजी के आने की सूचना नहीं है. उन्होंने बताया कि काग्यु मोनलम चेन्मो में इस बार विदेशी श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम है. अगले दो-तीन दिनों में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. वैसे, नौ जनवरी से यहां आयोजित होने वाली टीचिंग में शामिल होने के लिए उपासकों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है.