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गया : मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों ने पूरे दिन ठप रखा काम, शाम को हड़ताल वापस

ओपीडी समेत दूसरी स्वास्थ्य सेवाएं कीं ठप गया : मगध मेडिकल काॅलेज अस्पताल में शुक्रवार को इंटर्न डाॅक्टरों व कर्मचारियों में हुई मारपीट के बाद शनिवार को अस्पताल के कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया. सुबह से ही कर्मचारी बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले धरने पर बैठ गये. इस स्थिति […]

ओपीडी समेत दूसरी स्वास्थ्य सेवाएं कीं ठप
गया : मगध मेडिकल काॅलेज अस्पताल में शुक्रवार को इंटर्न डाॅक्टरों व कर्मचारियों में हुई मारपीट के बाद शनिवार को अस्पताल के कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया. सुबह से ही कर्मचारी बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले धरने पर बैठ गये. इस स्थिति के अस्पताल के आपीडी समेत तमाम जांच केंद्र प्रभावित हो गये.
कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार की वजह से किसी भी मरीज का निबंधन भी नहीं हो सका. स्थिति बिगड़ती देख अधीक्षक डाॅ बिजय कृष्ण प्रसाद ने कर्मचारियों को वार्ता के लिए बुलाया, लेकिन वह नहीं मानें. काफी मान-मनौवल के बाद कर्मचारी अधीक्षक के पास पहुंचे. यहां कई बिंदुअों पर चर्चा हुई.
तय हुआ कि कर्मचारियों के साथ हुई मारपीट की घटना के संबंध में मगध मेडिकल थाने में लिखित शिकायत को अधीक्षक अग्रसारित करेंगे. इंटर्न डाॅक्टरों के सभी मामले अब अधीक्षक स्वयं देखेंगे. किसी भी काम के लिए डाॅक्टरों को लिपिक के पास नहीं भेजा जायेगा. दोनों शर्तों को मान लिये जाने के बाद कर्मचारियों ने शाम में अपना आंदोलन स्थगित कर दिया. इसके बाद वे लोग काम पर लग गये. अधीक्षक से मिलने गये शिष्टमंडल में चितरंजन सिंह, पारसनाथ सिंह, श्री राम प्रसाद, धर्मेंद्र कुमार, श्वेता कुमारी, कमलेश प्रसाद, रामाश्रय यादव, विजय प्रकाश व अन्य थे.
हड़ताल पर जाने की चेतावनी : डाॅक्टरों ने कहा कि शनिवार को जब वह लोग काम पर गये, तो वहां उन्हें काम करने से रोक दिया गया. वे लोग ड्यूटी के लिए तैयार हैं. ऐसे में अगर किसी मरीज की मौत हो गयी, तो उनकी जिम्मेदारी नहीं होगी.
डाॅक्टरों ने कहा कि अगर उन्हें किसी भी प्रकार से चोट पहुंचायी गयी, तो वे लोग अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जायेंगे. इसके लिए कर्मचारी ही जिम्मेदार होंगे. डाॅक्टरों ने इन सभी कर्मचारियों के स्थानांतरण की भी मांग की है. डाॅक्टरों ने अपना पक्ष प्राचार्य के अलावा अधीक्षक, मगध प्रमंडल आयुक्त, जिलाधिकारी व मेडिकल थाना के प्रभारी को भी सौंपा है.
इंटर्न डाॅक्टरों ने कहा कि शुक्रवार को वह सभी अस्पताल अधीक्षक से मासिक वेतन के संबंध में बातचीत करने गये थे. बातचीत के दौरान वहां मौजूद कर्मचारी ने उन लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया.
वहां खड़े कई कर्मचारी अपने आॅफिस से डंडा निकाल लाये और इंटर्न डाॅक्टरों की पिटाई करने लगे. इसमें कई डाॅक्टरों को चोट लगी है. डाॅक्टरों ने उनके साथ हुई पूरी घटना की जानकारी प्राचार्य को लिखित रूप से दी है. इसमें इन लोगों ने कर्मचारियों पर मासिक वेतन देने के वक्त पर घूस मांगने का आरोप लगाया है. डाॅक्टरों ने कहा कि उन्हें चार महीने से वेतन भी नहीं मिला है. कहने पर धमकी दी जाती है. डाॅक्टरों ने कहा कि अस्पताल के कर्मचारियों का एक गिरोह है, जो यहां आने वाले मरीजों को अस्पताल में बदइंतजामी की झूठी कहानी सुना कर उन्हें अपने निजी अस्पतालों में भेजते हैं.
थाना पहुंचे प्रधान लिपिक लिये तीन इंटर्न के नाम
शुक्रवार को हुई मारपीट की घटना के बाद शनिवार को अस्पताल के प्रधान लिपिक विजय प्रकाश ने मगध मेडिकल थाने में लिखित शिकायत की है. इसमें उन्होंने कहा है कि शुक्रवार को वह अपने कार्यालय में थे.
उसी वक्त तीन इंटर्न चिकित्सक (डाॅ नागेंद्र अार्या, डाॅ ऋषभ झा व डाॅ कैलाश सिंह) उनके पास आये और अपनी अनुपस्थिति विवरणी से संबंधित जानकारी मांगी. प्रधान लिपिक के मुताबिक उन्होंने सारी जानकारी दे दी. इसके बाद भी इंटर्न उनसे उग्रता से बात करते रहे. इसी दौरान डाॅ नागेंद्र आर्या नामक इंटर्न ने उन पर घूसा चलाया. थोड़ी ही देर में वहां कई और इंटर्न जमा हो गये.
इसके बाद लाठी-डंडे से उनसे व अन्य कर्मियों के साथ मारपीट शुरू कर दी. इस मारपीट में दो कर्मचारी सिद्धार्थ व सुमित का सिर फट गया. उन्होंने इन चिकित्सकों पर इमरजेंसी आॅपरेशन थिएटर में भी घुस कर मारपीट करने का आरोप लगाया है. उन्होंने इन चिकित्सकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है.

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