बोधगया: कालचक्र मैदान में गुरुवार को 1101 कुंडीय विश्व शांति वैदिक महायज्ञ का आयोजन किया गया. इसमें हजारों साधकों ने वैदिक मंत्रोच्चर के बीच यज्ञ कुंड में आहूति दी. करीब तीन घंटे तक चले विश्व शांति महायज्ञ के दौरान आचार्यो द्वारा किये जा रहे मंत्रोच्चर से कालचक्र मैदान गूंजता रहा. लोग हवन कुंड में आहूति देने में मशगूल रहे. वहीं, बाहर बैठे साधक मंत्रोच्चर का श्रवण करते रहे.
इस दौरान कालचक्र मैदान में अद्भुत माहौल देखने को मिला. सुबह के नौ से 12 बजे तक चले महायज्ञ के बाद शाम को सद्गुरु आचार्य श्री स्वतंत्रदेव जी महाराज का प्रवचन हुआ. इसमें आचार्य ने कहा कि विहंगम योग आध्यात्मिक संस्थान नहीं, बल्कि योग का सत्य मार्ग है. योग आत्मा व परमात्मा के मिलन को कहते हैं.
विहंगम योग वही सनातन व वैदिक मार्ग है जिसे ब्रrा विद्या भी कहते हैं. रात करीब नौ बजे तक चले प्रवचन के बाद साधकों ने आचार्य श्री से आशीष लिया और अपने गंतव्य को प्रस्थान कर गये. विहंगम योग संत समाज द्वारा आयोजित 1101 कुंडीय विश्व शांति वैदिक महायज्ञ व विहंगम योग समारोह में संयोजक रामचंद्र सिंह, विजय कुमार सिंह, अमरेंद्र सिंह, दिनेश सिंह, वासुदेव सिंह सहित अन्य साधकों ने समारोह के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. समारोह स्थल कालचक्र मैदान में विहंगम योग समाज से जुड़ी पुस्तकें व अन्य सामग्री के भी स्टॉल लगाये गये थे.