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गया मौसम अपडेट: अगले पांच दिनों तक लू चलने का है पूर्वानुमान, अलर्ट मोड पर जिला प्रशासन…

अगले पांच दिनों तक लू चलने का पूर्वानुमान आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी किया गया है. इसे देखते हुए पूरा स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड में है. सभी व्यवस्था को पूरी तरह से दुरुस्त रखने को कहा गया है. कहीं से भी कोई हीटवेव के मरीज के आने पर उसे तुरंत रिस्पॉन्स करते हुए इलाज करने को कहा गया है.

गया: जिले में अगले पांच दिनों तक लू चलने का पूर्वानुमान आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी किया गया है. इसे देखते हुए पूरा स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड में है. सभी व्यवस्था को पूरी तरह से दुरुस्त रखने को कहा गया है. कहीं से भी कोई हीटवेव के मरीज के आने पर उसे तुरंत रिस्पॉन्स करते हुए इलाज करने को कहा गया है. आनेवाले सात से 10 दिन चुनौतीपूर्ण होंगे. सभी स्वास्थ्य विभाग के तमाम अधिकारी व कर्मी पूरी मुस्तैदी से अलर्ट मोड में रहकर काम करेंगे. उक्त बातें मगध मेडिकल अस्पताल में बनाये गये डेडीकेटेड हीटवेव वार्ड का जायजा लेने के दौरान डीएम डॉ त्यागराजन एसएम ने बुधवार को कही. उन्होंने कहा कि यहां कुल 50 बेड को पूरी तरह फंक्शनल रखा गया है, ताकि हीटवेव से संबंधित कोई भी मरीज आने पर उन्हें क्विक इलाज मुहैया हो सके.

हीट स्ट्रोक वार्ड में कुल 100 बेड हैं उपलब्ध

इसके साथ-साथ जैसे ही मरीज की संख्या में इजाफा होगा, वैसे ही बेडों को फंक्शनल रखा जायेगा. अस्पताल के डेडीकेटेड वार्ड में बेड की कोई कमी नहीं है, पर्याप्त संख्या में उपलब्ध है. डीएम ने कहा कि हीट स्ट्रोक वार्ड में कुल 100 बेड उपलब्ध हैं. यहां कुल 75 एयर कंडीशन लगाये गये हैं. पूरे वार्ड को वातानुकूलित रखा गया है, ताकि क्रिटिकल कंडीशन में हीटवेव से पीड़ित मरीजों का अच्छे तरीके से उपचार किया जा सके. डीएम ने हीटवेव से पीड़ित मरीजों का कैसे उपचार किया जाता है, मरीज को पहले कहां लाया जायेगा तथा क्या-क्या एसओपी पालन कराया जायेगा, इसकी पूरी जानकारी ली.

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डॉक्टरों व अन्य स्टाफ की ड्यूटी तीन पालियों में लगाएं

डीएम ने कहा कि डीप फ्रीजर तथा पर्याप्त आइस पैक इसी वार्ड में रखें. निरीक्षण के दौरान उन्होंने दवा की उपलब्धता की जांच की. उन्होंने निर्देश दिया कि रोस्टर बनाते हुए डॉक्टर, जीएनएम व एएनएम की प्रतिनियुक्ति रखें. साथ ही जो डॉक्टर तथा एएनएम इमरजेंसी ड्यूटी में लगाये जायेंगे, उन्हें अच्छी तरीके से एसओपी बताएं. डीएम ने कहा कि सभी संबंधित चिकित्सकों को नामित करते हुए उनकी लिस्ट तैयार करें. ऑक्सीजन फ्लो मीटर नियमित रूप से जांच करते रहें. हर दिन नियमित तीन पालियों में चिकित्सक मौजूद रहे इसके लिए रोस्टर बनाकर उसे प्रदर्शित करें. डीएम ने कहा कि रोगी कल्याण समिति के माध्यम से अस्पताल परिसर के विभिन्न जगहों पर शुद्ध शीतल पेयजल के लिए मटका लगवाएं. खराब पड़े आरओ वाटर की मरम्मत करवाएं. उन्होंने कहा कि ओपीडी में इलाज करने आ रहे मरीजों के सहूलियत के लिए पानी की पर्याप्त व्यवस्था रखें. निरीक्षण के दौरान मगध मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ अर्जुन चौधरी, अस्पताल अधीक्षक डॉ श्रीप्रकाश सिंह, उपाधीक्षक डॉ पीके अग्रवाल, स्वास्थ्य डीपीएम नीलेश कुमार, अस्पताल प्रबंधक संतोष कुमार सिन्हा आदि मौजूद थे.

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