बिहार के मुजफ्फरपुर शहर में अब फूलों की महक और भी तेज होने वाली है. नगर विकास एवं आवास विभाग ने शहर में फूलों के लिए एक भव्य मंडी बनाने का फैसला किया है. यह मंडी न केवल शहरवासियों के लिए फूलों की खरीदारी को आसान बनायेगी, बल्कि स्थानीय माली समाज के लिए भी एक बड़ा अवसर लेकर आयेगी. बिहार सरकार ने नगर आयुक्त को एक सप्ताह के भीतर मंडी के लिए उपयुक्त जगह चिह्नित करने का आदेश दिया है. यह योजना सिर्फ नगर निगम तक सीमित नहीं है. नगर परिषद और नगर पंचायत क्षेत्रों में भी फूल मंडियां विकसित की जायेंगी. इससे पूरे जिले में फूलों की खेती और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा.

विभिन्न प्रकार के फूल एक ही जगह पर उपलब्ध होंगे
इस पहल से स्थानीय फूल उत्पादकों को अपनी उपज बेचने के लिए एक व्यवस्थित स्थान मिलेगा, और ग्राहकों को भी विभिन्न प्रकार के फूल एक ही जगह पर उपलब्ध होंगे. यह मंडी शहर की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगी और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नये अवसर पैदा करेगी. इस योजना के तहत, फूलों की दुकानों के लिए विशेष स्थान निर्धारित किए जायेंगे, जहां माली समाज के लोग अपनी दुकानें लगा सकेंगे. इससे उन्हें अपनी आजीविका चलाने में मदद मिलेगी और शहर में फूलों का व्यापार भी व्यवस्थित होगा. यह मंडी मुजफ्फरपुर को फूलों के एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करेगी और शहर की सुंदरता में चार चांद लगायेगी. इससे फूल की खेती करने वाले किसानों को भी बाजार प्रदान करेगा.

फिलहाल इन जगहों पर है फूल मंडी
शहर में अभी स्थायी रूप से फूलों की मंडी कही नहीं है. लेकिन, बाबा गरीबनाथ मंदिर के समीप, इमलीचट्टी, आरडीएस कॉलेज मुक्तिनाथ मंदिर के अलावा भगवानपुर हनुमान मंदिर के समीप फूलों की बिक्री होती है. इन जगहों पर लगभग एक दर्जन दुकानें है. हालांकि, सरकारी स्तर पर स्थायी मंडी नहीं होने से जिस तरीके का बाजार फूलों का होना चाहिए था. वह अभी नहीं हो पा रहा है.

