10.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

बेतिया में हो रहा विभिन्न मछलियों के स्पॉन, बिहार के इन जिलों में हो रही सीडलिंग और जीरा की सप्लाई

बेतिया में विभिन्न मछलियों के स्पॉन तैयार किये जा रहे है. सरकार इसके लिए आर्थिक सहायत भी दे रही है. बेतिया में सीडलिंग, जीरा एवं बड़े मछलियों का उत्पादन किया जा रहा है. इससे अत्यधिक मुनाफा भी मिल रहा है.

बिहार के बेतिया फिश प्रोडक्शन के क्षेत्र में जिले को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा कार्ययोजना बनाकर तीव्र गति से कार्य किया जा रहा है. बेतिया में विभिन्न जगहों पर किसानों को प्रोत्साहित, आर्थिक सहायता प्रदान करते हुए फिश हैचरी का निर्माण कराया जा रहा है. बेतिया में विभिन्न मछलियों के स्पॉन, सीडलिंग, अंडा, जीरा समेत कल्चर्ड बड़ी मछलियों का भी प्रोडक्शन किया जा रहा है. सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा जिले को मछली उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृत संकल्पित है. इसी क्रम में डीएम कुंदन कुमार ने मिश्रा मत्स्य विकास हैचरी, पिपरा का निरीक्षण किया तथा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया. डीएम ने कहा कि अधिकारियों एवं मत्स्य पालकों से कहा कि प्रयास ऐसा करें कि जिले में मांग के अनुरूप फिश प्रोडक्शन होकर आपूर्ति किया जा सके.

50 प्रतिशत मिलेगा सब्सिडी

निरीक्षण के क्रम में मिश्रा मत्स्य विकास हैचरी के प्रबंधक ने बताया कि बायोफ्लाक तकनीक अधिष्ठापन के लिए उसे सरकार से लागत मूल्य मो. आठ लाख पचास हजार रुपए का 50 प्रतिशत सब्सिडी के रूप में प्राप्त हुआ है. सरकार द्वारा आर्थिक सहायत दिए जाने की बदौलत आज सीडलिंग, जीरा एवं बड़े मछलियों का उत्पादन किया जा रहा है. इससे अत्यधिक मुनाफा भी मिल रहा है. साथ ही जिले में मछली के खपत के अनुरूप पूर्ति का प्रयास किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त बिहार राज्य के अन्य जिलों जैसे कैमूर, गया, मोतिहारी इत्यादि जगहों पर भी अधिक मात्रा में सप्लाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में रेहू, नैनी एवं कतला मछली के स्पॉन भी यहीं तैयार हो रहे हैं तथा बड़े मछली भी यहीं कल्चर करके निर्यात किए जा रहे हैं.

व्यापक पैमाने पर प्रोडक्शन करने का निर्देश

मौके पर डीडीसी अनिल कुमार, एएसडीएम अनिल कुमार, जिला मत्स्य पदाधिकारी गणेश राम, सहायक निदेशक उद्यान विवेक भारती सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे. जिलाधिकारी ने सिडलींग से लेकर फिश प्रोडक्शन तक की बारीक जानकारी ली. प्रबंधक का उत्साहवर्धन करते हुए इसे व्यापक पैमाने पर प्रोडक्शन करने को कहा. जिलाधिकारी ने प्रबंधक से नवीन तकनीक आधारित फिश प्रोडक्शन करने का भी सुझाव दिया. साथ ही उर्जा की खपत करने एवं लागत कम करने के लिए सौर उर्जा आधारित पम्पींग सेट का उपयोग करने का सुझाव दिया. जिला मत्स्य पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि वे इस प्रकार के अन्य फिश हैचरी का निर्माण कराने के निमित्त किसानों को जागरूक एवं प्रेरित करें तथा इच्छुक किसानों की लिस्टिंग करते हुए उन्हें सरकार के द्वारा दिए जाने वाली सुविधाओं को मुहैया कराते हुए अधिक से अधिक फिश प्रोडक्शन कराएं.

किसानों को प्रशिक्षित करें

किसानों को अच्छे तरीके से प्रशिक्षित कराना सुनिश्चित करें. इसके जिले में विकसित फिश हैचरी का अध्ययन कराएं. डीएम ने निर्देश दिया कि ऑर्नामेंटल फिश का उत्पादन इसी जिले में हो, इसके लिए टारगेटेड बेस्ड कार्ययोजना तैयार करते हुए क्रियान्वयन कराएं. उन्होंने कहा कि फिश प्रोडक्शन के लिए चंवर काफी अनुकूल होता है, इसके विकास के लिए जिले के विभिन्न जगहों पर कलस्टर तैयार कराएं तथा उन्हें प्रशिक्षण दिलाना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि फिड प्रोडक्शन भी इसी जिले में प्रारम्भ हो सके, इसके लिए भी किसानों को प्रेरित करें एवं आवश्यक कार्रवाई करें.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel