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Darbhanga News: युगांतकारी सिद्ध होगी भारतीय- ज्ञान परंपरा आधारित नयी शिक्षा नीति

Darbhanga News:गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रमाशंकर दूबे ने कहा कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय आकर प्रसन्नता हो रही है.

Darbhanga News: दरभंगा. गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रमाशंकर दूबे ने कहा कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय आकर प्रसन्नता हो रही है. करीब आठ वर्ष पहले दीक्षांत समारोह में बतौर भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति के तौर पर यहां आया था. विगत आठ साल में यहां काफी परिवर्तन देखने को मिला. परिसर की साफ – सफ़ाई के साथ ही एकेडमिक वाइब्रेंसी प्रशंसनीय है. कहा कि कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी के नेतृत्व में विश्वविद्यालय नई इबारत लिखेगा. प्रो. दूबे ने सोमवार को लनामिवि के कुलपति से शिष्टाचार भेंट की. विश्वविद्यालय के आइक्यूएसी असिस्ट कमिटी, मेरु, एडवांस रिसर्च सेंटर, करियर गाइडेंस सेल और लाइब्रेरी से संबद्ध शिक्षकों और पदाधिकारियों से संवाद किये. प्रो. दूबे ने नैक एक्रीडिशन की नवीन प्रक्रिया को समझाते हुए कहा कि अब देश भर में नैक के एक्रेडिटेड और नॉन – एक्रेडिटेड कैटेगरी में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को विभक्त किया जाएगा. एक्रीडिशन के बाद एनइपी के एक से लेकर पांच स्केल पर मूल्यांकन होगा.

देश के मात्र 18 से 20 प्रतिशत कॉलेजों का नैक प्रत्यांकन होना चिंतनीय

कहा कि अफसोस की बात है कि देश भर में अद्यतन 18 से 20 प्रतिशत कॉलेजों का ही नैक प्रत्यांकन हुआ है. यह चिंतनीय विषय है. आवश्यक है कि प्रत्येक वर्ष आइक्यूएसी एनइपी कंपोनेंट्स के इंप्लीमेंटेशन के अनुसार काम करे. कहा कि मैकॉले की पाश्चात्य शिक्षा प्रणाली के कई वर्षों बाद भारतीय- ज्ञान परंपरा आधारित नई शिक्षा नीति युगांतकारी सिद्ध होगी. सनातन संस्कृति व मूल्यों का प्रवाह हमारे राष्ट्र को विश्व पटल पर अभिनंदनीय बनाता है. मेंटर – मेंटी की पुरातन जड़े हमारी गुरुकुल शिक्षा पद्धति में रची बसी है. आदि- ग्रंथ वेद और उपनिषदों में वर्णित 26 प्रकार के मूल्यों को आत्मसात् करने की ओर हमें अग्रसर होना होगा. प्रो. दूबे ने राष्ट्र की सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों का भी उल्लेख किया.

कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने पथ प्रदर्शन को लेकर जताया आभार

कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने कुलपति प्रो. दूबे के आशीर्वचन और पथ – प्रदर्शन के लिए उन्हें विश्वविद्यालय परिवार की ओर से धन्यवाद दिया. मौके पर आइक्यूएसी निदेशक प्रो. ज्या हैदर ने लनामिवि के मेरु में शामिल होने के साथ ही स्वयं पोर्टल पर मूक्स के एकीकृत होने, समर्थ पोर्टल, डीजी लॉकर, करियर गाइडेंस सेल, ओनोस भारत आदि से जुड़ी उपलब्धियों से अवगत कराया. इस दौरान संबंधित अनुभागों के निदेशक, सदस्य एवं शिक्षकों की उपस्थिति रही.

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