दरभंगा. श्री श्याम उत्सव परिवार की ओर से श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन सात से 13 सितम्बर तक कासिंदसं विश्वविद्यालय खेल मैदान में किया जा रहा है. कथावाचिका चित्रलेखा ने शनिवार को बतायी कि 19 जनवरी 1997 उनका जन्म हरियाणा के जिले पलवल के खाम्बी गांव में हुआ. चार वर्ष की आयु में ही गौड़ीय वैष्णव सम्प्रदाय में वह दीक्षा प्राप्त की. दीक्षा बंगाल के संत गिरिधारी बाबा के सान्निध्य में सम्पन्न हुई. छह वर्ष की आयु में माता-पिता के संग बरसाना स्थित रमेश बाबा की कथा में सम्मिलित हुई. कथा के अंत में बाबा ने उन्हें मंच पर आमंत्रित किया. उस समय लगभग आधा घंटा तक श्रीमद्भागवत कथा कही, जिसे सभी ने सराहा. उनकी प्रथम सात दिनी कथा वृंदावन के समीप तपोवन में हुई. उस समय से वह हरि नाम संकीर्तन, श्रीमद्भागवत कथा देश-विदेश में कर रही है. अबतक 600 से अधिक जगहों पर श्रीमद्भागवत कथा कर चुकी है.
हरियाणा में संचालित कर रही गो सेवा धाम हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर
2013 में हरियाणा के होडल में गो सेवा धाम हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर की स्थापना की. वहां गाय समेत अन्य पशु का नि:शुल्क उपचार किया जाता है. कहा कि जीवन में अनेक चुनौतियां और आलोचनाओं के बावजूद कभी विचलित नहीं हुई. परिवार व भक्तों के सहयोग से सनातन धर्म की सेवा में लगी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

