Darbhanga News: दरभंगा. पोलियो उन्मूलन जैसे संवेदनशील और राष्ट्रीय महत्व के अभियान में स्वास्थ्य विभाग की गंभीर लापरवाही सामने आयी है. बीते 16 से 20 दिसंबर तक जिले में चलाए गए पल्स पोलियो अभियान के दौरान सदर प्रखंड के लक्ष्मीसागर रोड नंबर छह में बच्चों को पोलियो से बचाव की दवा नहीं पिलायी गयी. हैरानी की बात यह है कि इस संबंध में विभागीय अधिकारी से शिकायत किए जाने के बावजूद टीकाकरण नहीं कराया गया. इससे विभागीय अभियान की सफलता पर सवालिया निशान लग गया है. विभाग की ओर से शत-प्रतिशत बच्चों को टीकाकरण का निर्देश खोखला साबित हुआ. इसे लेकर सिविल सर्जन के सरकारी मोबाइल नंबर 9470003245 पर संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया.
अधिकारियों से शिकायत के बावजूद नहीं पहुंची टीम
जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग ने इस अभियान के तहत जिलेभर में सात लाख बच्चों को पोलियो की खुराक देने का लक्ष्य निर्धारित किया था. इसके लिए टीकाकर्मी, सुपरवाइजर और अन्य स्टाफ की तैनाती भी दिखाई गई, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. लक्ष्मीसागर रोड नंबर छह जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र में अभियान के दौरान टीकाकर्मी पहुंचे ही नहीं. इससे कई बच्चे पोलियो ड्रॉप से वंचित रह गए. स्थानीय लोगों का कहना है कि जब टीम नहीं आई तो इसकी जानकारी विभागीय अधिकारियों को दी गई. इसके बावजूद न तो दुबारा टीम को भेजा गया और न ही छूटे बच्चों को दवा पिलाने की कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई. इससे विभागीय दावों और वास्तविक कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं.मैनपावर की कमी व भुगतान की समस्या
सूत्रों के मुताबिक, अभियान के दौरान विभाग मैनपावर की कमी, कर्मियों को समय पर भुगतान नहीं होने, संसाधनों के अभाव और व्यवस्थागत खामियों से जूझता रहा. कई जगहों पर नाम मात्र की टीम बनाकर कागजों में अभियान पूरा दिखा दिया गया. वहीं, दूसरी ओर कर्मियों को भुगतान की प्रक्रिया पूरी कर दी गई, जबकि कई क्षेत्रों में टीकाकरण हुआ ही नहीं. इधर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि पल्स पोलियो जैसे अभियान में एक भी बच्चे का छूट जाना भविष्य के लिए खतरे की घंटी है. पोलियो उन्मूलन के लक्ष्य को बनाए रखने के लिए शत-प्रतिशत कवरेज आवश्यक है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

