Bihar News: बिहार के दरभंगा में बाल सुधार गृह केंद्र में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब शनिवार को एक किशोर कैदी का शव संदिग्ध परिस्थितियों में शौचालय के अंदर फंदे से लटका हुआ मिला. मृतक की पहचान सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के पैरा गांव निवासी सकल देवदास के पुत्र भरत दास के तौर पर हुई है. भरत को बीते 31 अगस्त 2025 की रात मोहनपुर में हुई आगजनी और मोबाइल छिनतई के एक मामले में पुलिस ने पकड़ा था, जिसके बाद न्यायिक आदेश पर उसे बाल सुधार गृह भेजा गया था.
परिजनों ने लगाया हत्या का संगीन आरोप
भरत की मौत की सूचना मिलते ही उसके परिवार में कोहराम मच गया. मृतक की चाची अनीता देवी ने सुधार गृह प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए इसे आत्महत्या नहीं, बल्कि “हत्या” बताया है. उन्होंने कहा कि पुलिस उन्हें सिर्फ सिंहवाड़ा थाने आने के लिए कहकर ले गई और वहां पहुंचने पर भरत की मौत की खबर मिली. अनीता देवी का कहना है कि भरत को आगजनी और मोबाइल चोरी के झूठे केस में फंसाया गया था, जबकि उसने मोबाइल थाने में जमा करा दिया था. अब उसे मार दिया गया है. परिवार ने इस पूरी घटना की उच्च स्तरीय जांच और न्याय की मांग की है.
मौके पर पहुंचे वरिष्ठ अधिकारी, जांच शुरू
घटना की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी कौशल कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जगन्नाथ रेड्डी जलारेड्डी, सदर SDM विकास कुमार, SDPO राजीव कुमार और लहेरियासराय थानाध्यक्ष अमित कुमार सहित कई आला अधिकारी बाल सुधार गृह पहुंचे. शव को तत्काल पोस्टमार्टम के लिए दरभंगा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (डीएमसीएच) भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के स्पष्ट कारणों का पता चल पाएगा. हालांकि, जिला प्रशासन की ओर से इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.
सुरक्षा व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
किशोर भरत दास की संदिग्ध मौत ने एक बार फिर बाल सुधार गृहों के अंदर की सुरक्षा और निगरानी प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है. यह सवाल उठना लाजिमी है कि जिस जगह को किशोरों के सुधार और सुरक्षा के लिए बनाया गया है, वहां ऐसे हालात में एक किशोर की मौत कैसे हो गई? 31 अगस्त 2025 को हुई घटना में भरत दास को अन्य दो आरोपियों के साथ ग्रामीणों ने पकड़कर पुलिस के हवाले किया था और इसी मामले में वह न्यायिक हिरासत में था.
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