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नाबालिग से दुष्कर्म मामले में असगर अली को 10 वर्ष का सश्रम कारावास

पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश प्रोतिमा परिहार की अदालत ने दो अलग-अलग मामले में फैसला सुनायी.

दरभंगा. पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश प्रोतिमा परिहार की अदालत ने दो अलग-अलग मामले में फैसला सुनायी. अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी सिमरी थाना क्षेत्र के बनौली गांव के असगर अली को 10 वर्ष सश्रम कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा दी है. वहीं 11 वर्षीय नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म के जूर्म में आरोपित एपीएम थाना क्षेत्र के मनोरथा गांव के माया शंकर लालदेव, अंकेश लालदेव तथा छोटे लालदेव को दोषी ठहराया है. जानकारी के अनुसार दोषी असगर अली को आठ अगस्त को भादवि की धारा 376 और पॉक्सो एक्ट की धारा 6 में दोषी ठहराया था. शनिवार को अदालत ने सजा अवधि निर्धारण की बिन्दु पर अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस सुनने और अभिलेख पर मौजूद साक्ष्यों के परिशीलन के बाद सजा सुनाई है. भादवि की धारा 376 में 7 वर्षों का सश्रम कारावास तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 6 में 10 साल की कठोर कारावास और क्रमशः दोनों धाराओं में 10-10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. वहीं पीड़िता के पुनर्वास के लिये बिहार पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत छह लाख रुपये मुआवजा भुगतान का आदेश दिया है. घटना की प्राथमिकी चार मई 2014 को दर्ज की गई थी. सभी सजा साथ -साथ चलेगी.वहीं दूसरे मामले में नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म की जूर्म में तीन को दोषी करार दिया है. सजा की अवधि निर्धारण के लिए कोर्ट ने 24 अगस्त की तिथि निर्धारित की है. घटना की प्राथमिकी पीड़िता के मां के बयान पर महिला थाना में दर्ज हुई थी. तीनों दुष्कर्मी 04 मार्च 2020 से ही जेल में है.

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