Darbhanga News: दरभंगा. राष्ट्रीय लोक अदालत की पीठ में गैर न्यायिक सदस्य के रूप में पहली बार थर्ड जेंडर के सामाजिक कार्यकर्ता दीपू पांडेय को प्रतिनियुक्त कर जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने नया प्रतिमान स्थापित किया है. जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव आरती कुमारी ने बताया कि उभयलिंगी व्यक्तियों के साथ होने वाले भेदभाव को रोकने एवं उन्हें समाज में बराबर का हक देने के लिए बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार ने सितारा 2023 नामक योजना बनायी है. इस योजना के कार्यान्वयन के लिए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार तिवारी के मार्गदर्शन में पहली बार किसी उभयलिंगी व्यक्ति को लोक अदालत की बेंच में सामाजिक कार्यकर्ता सदस्य के रूप में नामित किया गया है. आरती ने बताया कि भारत में पहली बार किसी ट्रांसमैन की नियुक्ति लोक अदालत के सदस्य के रूप में की गयी है. यह रिकॉर्ड दरभंगा के नाम दर्ज हुआ है. इससे पूर्व देश के अन्य हिस्सों की अन्य लोक अदालतों में जितनी भी प्रतिनियुक्ति की गई है, वे ट्रांस वूमैन थीं. जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि 10 मई को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत की बेंच संख्या दो पर न्यायिक सदस्य के रूप में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो प्रोतिमा परिहार एवं अधिवक्ता सदस्य नीलू कुमारी के साथ तीसरे सदस्य के रूप में उभयलिंगी सामाजिक कार्यकर्ता दीपू पांडेय मौजूद थे.
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