Darbhanga News: दरभंगा. नवयुवक काली पूजा समिति की ओर से हसनचक में हो रही काली पूजा पर आस्था के साथ सांस्कृतिक संगम का नजारा देखने को मिला. समिति की ओर से प्रतिमा स्थापित कर विधानपूर्वक जहां एक ओर पूजा-अर्चना की गयी, तो दूसरी ओर मिट्टी की सोंधी खुशबू बिखेरती लोक नृत्य झिझिया की नयनाभिराम प्रस्तुति दी गयी. पारंपरिक झिझिया गीत पर जैसे ही कलाकारों ने अपने सिर पर विशेष छिद्र वाले घड़े के साथ मंच पर कदम रखा, तालियों से परिसर गूंज उठा. आधुनिकता की अंधी बयार के बीच भी नई पीढ़ी अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की रसधारा में डूबते-उतराते रहे. बता दें कि दुर्गा पूजा के समय से झिझिया नृत्य का आयोजन होता है. पहले प्राय: प्रत्येक गांव में यह देखने को मिलता है. इसमें एक महिला छिद्र वाले घड़े में दीया जलाकर बीच में नृत्य करती है, बाकी उनके ईर्द-गिर्द नृत्य प्रस्तुत करती है. कहा जाता है कि इस नृत्य को देख लेने वालों पर बुरी नजर का असर नहीं पड़ता. वैसे तो कुछ गांव में अभी भी यह परंपरा कायम है, लेकिन अधिकांश इलाकों में अब यह मंचीय प्रस्तुति में ही नजर आती है. इस नजरिए से पूजा समिति ने इसे प्रस्तुत कर अपने सांस्कृतिक स्नेह का प्रमाण दिया है. इस अवसर पर निवर्तमान मंत्री सह दरभंगा नगर भाजपा उम्मीदवार संजय सरावगी, वार्ड पार्षद सोनी पूर्वे आदि भी शरीक हुए. रवि डांसर के प्रशिक्षु नीतू, कोमल, तमन्ना, माही, आशीष, आदर्श, नवनीत, आदित्य आदि ने प्रस्तुति की छाप छोड़ी. मुकेश कुमार दास, राहुल कुमार आदि मौजूद थे.
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