Darbhanga News: दरभंगा. बागमती के पूर्वी भाग के श्रद्धालुओं की छठ इस बार इस नदी घाट पर नहीं मन सकेगी. कारण इस बार बागमती नदी का नजारा बदला हुआ है. पूरी नदी पानी से लबालब भरी है. घाट डूबे हुए हैं. ऐसे में फिलहाल इस नदी के घाटों पर छठ होने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है. लिहाजा नदी के दोनों किनारे डाला व अर्घ में जलते दीप तथा फूटती सतरंगी रोशनी के साथ श्रद्धालुओं की भीड़ से पटे घाट का मनोरम दृश्य नजर नहीं आ सकेगा. बागमती नदी बाढ़ के पानी से लबालब भरे होने के कारण खतरनाक स्थिति में है. कहीं तीन तो कहीं चार सीढ़ियों पर पानी है. कमोवेश नदी के पश्चिम भाग में भी यही स्थिति है. ऐसे में छठ के लिए व्रतियों को पानी में खड़े होकर सूर्योपासना के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी. यही वजह है कि इसकी तैयारी में श्रद्धालु जुट भी गए हैं. खाली जगह पर गड्ढा करने के साथ घर की छतों पर कृत्रिम घाट बनाने की तैयारी में हैं.
ऐसी है घाटों की स्थिति
नदी के पूर्वी भाग में अधिकांश कच्चे घाट हैं. वहां तक पानी नीचे जाने में करीब 15 दिनों का वक्त लगने की संभावना जताई जा रही है. नदी के नीचे उतरने के लिए सालों पहले बने पक्का घाट की पानी से उपर दिख रही सीढ़ी पर डाला रखना संभव नहीं है. व्रतियों के लिए भी पानी में उतरना खतरनाक है. पूर्वी भाग में जल संशाधन विभाग से पक्का घाट बना कर कार्य पूर्ण कर दिया है. उपरी सतह चौड़ा है, बावजूद पानी की अधिकता छठ के लिए खतरनाक साबित होगी. प्रधानघाट में तीन, हजारीनाथ में चार, पंचानाथ व फतेश्वरनाथ में तीन सीढ़ी से पानी उतरा है. पूर्वी भाग में कबराघाट कच्चा है. अभी भी पानी में डूबा है. इमली घाट, महावीर मंदिर के पक्का घाटों की स्थिति अन्य घाटों जैसी ही है. इधर पोखरों पर छठ के लिए प्रशासन तैयारी में जुट गया है. तालाब किनारे मिट्टी देकर समतल करने आदि का कार्य कराने का काम शुरू कर दिया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

