मुख्य बातें
Darbhanga AIIMS : पटना. बिहार का दूसरा एम्स अब धीरे-धीरे आकार लेने लगा है. करीब 10 वर्षों के विचार-विमर्श के बाद तय हुई जमीन पर ढांचागत निर्माण दिखने लगा है. दरभंगा एम्स की चहारदिवारी और मुख्य गेट का निर्माण चल रहा है. ऐसे में लोगों की उम्मीद जगी है कि अब दरभंगा एम्स जल्द ही बनकर तैयार हो जायेगा और यहां उन्नत इलाज की व्यवस्था होगी. इस संबंध में दरभंगा एम्स के निदेशक माधवानंद काग कहते हैं कि यह बहुत ही खुशी की बात है कि दरभंगा एम्स का निर्माण शुरू हो गया है. अगले तीन वर्षों में यह एम्स बनकर तैयार हो जाना चाहिए. दरभंगा एम्स के निदेशक ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 2028 के अंत तक भवन निर्माण का पूरा कर लिया जायेगा.
बाउंड्री के साथ-साथ होगा भवन निर्माण
एम्स निर्माण की धीमी गति पर मीडिया से बात करते हुए दरभंगा एम्स के निदेशक ने कहा कि जमीन मिलने में ही काफी दिक्कत हुई. जमीन मिली तो बारिश का मौसम आ गया. बिहार में चुनाव थे. पूरा प्रशासन उसमें लगा हुआ था. इसके बावजूद काम हो रहे थे. यह एम्स दूसरे एम्स से थोड़ा अलग बन रहा है. दिल्ली आइआइटी और रुडकी आइआइटी के साथ स्कूल आफ प्लानिंग एंड स्ट्रेक्चर ने मिलकर इस एम्स को डिजाइन किया है. यहां की बाउंड्री भी दूसरे एम्स की तरह नहीं हैं. यहां जो बाउंड्री बनायी जा रही है वो एक बांध की तरह काम करेगा. निदेशक काग ने कहा कि दरभंगा एम्स का टेंडर इसलिए दो भागों में हुआ है. एक ओर बाउंड्री निर्माण चलता रहेगा, दूसरी ओर भवन निर्माण का काम भी चलेगा. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि लैंड फिलिंग के कारण निर्माण कार्य में देरी नहीं होगी.
बजट को लेकर होगी समीक्षा
राज्य प्रशासन के सहयोग पर निदेशक काग ने कहा कि राज्य और जिला प्रशासन ने लगातार संवाद हो रहा है. उन्हें कुछ काम करना है. हाइटेशन तार हटाना है. एप्रोच रोड बनाना है. पानी की सप्लाई करनी है और लैंड फिलिंग का काम करना है. यह चारों काम इतना आसान नहीं है. इसमें वक्त लगेगा. तार हटाने के लिए पावरग्रीड का निर्माण करना होगा. इसके लिए बड़े बजट की जरुरत है. निदेशक काग ने कहा कि दरभंगा एम्स का डीपीआर भी कोविड से पहले का है. इसलिए बजट को लेकर भी थोड़ी समस्या हुई है. संसद के अगले सत्र में उम्मीद है बजट समीक्षा की जायेगी.
2027 तक शुरू होगी पढ़ाई
पढ़ाई की वैकल्पिक व्यवस्था पर निदेशक ने कहा कि दरभंगा एम्स में पढ़ाई की वैकल्पिक व्यवस्था एक तिहाई भवन निमार्ण हो जाने के बाद ही संभव है. मदुरै एम्स का उदाहरण देते हुए निदेशक काग ने कहा कि जब तक भवन तैयार नहीं हो जाता तब तक पढ़ाई की व्यवस्था कहीं और ही करनी होती है, जिससे छात्र संतुष्ट नहीं होते हैं. ऐसे में अब यह कोशिश की जा रही है कि उनकी पढ़ाई का एक हिस्सा कम से कम एम्स कैंपस पर हो. दरभंगा एम्स का भवन निर्माण 2028 तक पूरा होगा. ऐसे में अगले साल तक पढ़ाई की व्यवस्था संभव नहीं है. 2027 में दरभंगा मेडिकल कॉलेज प्रशासन के साथ इस पर विचार किया जा सकता है. वहां दरभंगा एम्स की कक्षाएं शुरू की जा सकती है.
दस हजार मरीज की प्रतिदिन आवाजाही
दरभंगा एम्स के निदेशक ने कहा कि दरभंगा एम्स देश का सबसे आधुनिक एम्स होगा. यहां जटिल रोग पर शोध होगा और बेहतर चिकित्सीय सुचिधा होगी. दरभंगा एम्स के निदेशक ने कहा कि यह एम्स कई मायनों में पटना एम्स से भी अधिक महत्वपूर्ण है. यहां न केवल उत्तर बिहार के मरीज आयेंगे, बल्कि पड़ोसी देश नेपाल और पूर्वोत्तर राज्यों के मरीज भी आयेंगे. उन्होंने कहा कि दरभंगा एम्स में प्रतिदिन 10 हजार मरीजों की क्षमता होगी और उनके साथ दो लोग भी अगर होंगे तो प्रतिदिन 30 हजार लोगों की आवाजाही होगी. ऐसे में यह इलाका पूरी तरह बदल जायेगा. रोजगार और निवेश के नये अवसर खुलेंगे.
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