दरभंगा : कुलाधिपति फागू चौहान ने कहा कि बिहार का अतीत समृद्ध रहा है. नालंदा व विक्रमशिला इसके प्रमाण हैं. हमें इस विरासत को आगे बढ़ाना है. वे मंगलवार को लनामिवि के डॉ नागेंद्र झा स्टेडियम में आयोजित 10वें दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि नैक से मूल्यांकन व शैक्षिक कैलेंडर का समय से पालन प्रसन्नता का विषय है. पीजी स्तर पर सीबीसीएस लागू होना भी उपलब्धि है. रोजगार के लिए नये-नये विषयों में अध्ययन सुखद है.
कुलाधिपति ने कहा कि आज का युग विज्ञान का युग है. जरूरतों के अनुरूप नये शोध होने चाहिए. इससे शिक्षा में गुणात्मक विकास होगा. शिक्षा केवल नौकरी की जरूरतों को ही पूरी नहीं करती, बल्कि इससे मनुष्य में संवेदनशीलता और नैतिकता का विकास भी होता है. समाज के सभी वंचित, दलित व पिछड़े वर्ग को विकास की मुख्य धारा में लाना आवश्यक है.
कुलाधिपति ने कहा कि पर्यावरण संतुलन बिगड़ गया है. चारों तरफ प्रदूषण है. वृक्षों की कटाई इसका मुख्य कारण है.हमारा संकल्प है कि विवि परिसर हरा-भरा हो. विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में शिक्षा व स्वच्छता का कार्यक्रम केवल किताबी ज्ञान तक ठीक नहीं है. गांधी जयंती के 150वें वर्ष में हमें शिक्षित और स्वच्छ भारत के निर्माण का दृढ़ संकल्प लेना चाहिए.