दरभंगा : रंगों का त्योहार होली संपन्न होते ही वापस काम पर लौटने की परेशानी लोगों के सामने खड़ी हो गयी है. होली पर घर आये परदेसी पूतों के लिए वापस लौटना मुश्किल हो रहा है. लंबी दूरी की किसी भी ट्रेन में आरक्षण उपलब्ध नहीं है. रेलवे ने इस क्षेत्र के यात्रियों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है.
एक भी जरूरी स्पेशल ट्रेन अब तक नहीं दी है. लिहाजा यात्रियों के समक्ष तत्काल आरक्षण ही एक मात्र विकल्प बच गया है, जिसके लिए उनकी रतजगा शुरू हो गयी है. यात्रा से 48 घंटे पूर्व से ही कतार में खड़े रहना पड़ रहा है, बावजूद आरक्षण नहीं मिल रहा है. स्थिति की विकटता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि संपर्क क्रांति सुपरफास्ट में तो वेटिंग टिकट तक उपलब्ध नहीं है. नो रूम का बोर्ड लटक रहा है.
बता दें कि आरक्षित सीटों के अतिरिक्त 400 यात्रियों के लिए वेटिंग टिकट रेलवे काटता है. यानी प्रतीक्षा सूची में 400 से भी अधिक यात्री कतार में हैं. उल्लेखनीय है कि होली पर महानगरों में रहनेवाले अधिकांश लोग अपनों के साथ पर्व मनाने के लिए घर आते हैं. हालांकि पिछले कुछ साल से आरक्षण की समस्या को लेकर लोगों का आवक कम होता जा रहा है. जो लोग किसी तरह आ गये उनके लिए वापसी मुश्किल हो गयी है.
तत्काल आरक्षण पर भी बढ़ा दबाव
टिकट की मांग बढ़ने के साथ ही तत्काल आरक्षण टिकट पर भी दबाव बढ़ गया है. होली से पहले तक जहां दो से तीन मांग पत्र पर तत्काल आरक्षण सहज रूप से मिल जाया करता था, वहीं इन दिनों पहले मांग पत्र पर अगर पूरे चार यात्रियों को नाम हों तो, कन्फर्म टिकट मिलना तय नहीं होता. स्वभाविक रूप से यात्रियों को कई-कई दिनों तक इसके लिए रतजगा करनी पड़ रही है.