दरभंगा : केंद्र की उजाला योजना के अंतर्गत बिजली उपभोक्ताओं को सस्ते दर पर एलइडी बल्ब, पंखा व अन्य उपकरण उपलब्ध कराने की मंशा पर एजेंसी पानी उड़ेल रहा है. जिले में सबंधित एजेंसी की शाखाओं पर स्टॉक उपलब्ध नहीं रहने के कारण रोजना सैकड़ों उपभोक्ता खराब बल्ब बदलने व नये उपकरण खरीदने के लिए दौड़ लगा रहे हैं.
बल्ब के साथ-साथ पंखा का स्टॉक भी खाली है. गरमी चढ़ने के साथ ही इस पंखें की डिमांड बढ़ गयी है, लेकिन एजेंसी इसे पूरा नहीं कर पा रहा है. इसके लिये दौड़ लगाने से लोगों का समय व पैसे दोनों नष्ट हो रहे हैं. करीब एक माह से खाली स्टॉक कब तक फुल हो पायेगा यह बताने के लिए कोई तैयार नहीं है. इतना ही नहीं कार्यालय के काउंटर पर तैनात कर्मियों व उपभोक्ताओं के बीच आये दिन विवाद हो रहा है. यहां बता दें कि एलइडी बल्ब, ट्यूब व पंखों की कीमत जहां कम रखी गयी है, वहीं इसके उपयोग से बिजली की खपत में भी कमी आती है. साथ ही खराब होने की स्थिति में रिप्लेश करने की सुविधा सरकार की ओर से दी गयी है.
19फरवरी से स्टॉक खाली: जिला में केंद्र सरकार के उपक्रम एनर्जी इफिसिएंसी सर्विसेज लिमिटेड कंपनी की ओर से चार जगहों पर उपभोक्ताओं को एलइडी ब्लब, सिलिंग पंखा व ट्यूब लाइट उपलब्ध कराया जाता है. इसमें नगर विद्युत कार्यालय, लालबाग स्थित एरिया बोर्ड कार्यालय, गंगवाड़ा व बिरौल विद्युत कार्यालय शामिल है. इन जगहों पर बीते 19 फरवरी से बल्ब व पंखे नहीं हैं. गरमी बढ़ने से पंखे की मांग बढ़ गयी है. बल्ब नहीं रहने से लोगों को न तो नये बल्ब मिल पा रहे हैं और न ही खराब बल्बों को बदला ही जा रहा है.
स्टॉक की स्थिति
बिजली विभाग का कोई अंकुश नहीं
इइएसएल कंपनी के कार्यालय बिजली विभाग के परिसर में मौजूद जरूर है, लेकिन कंपनी पर कोई कमांड नहीं है. इससे विभाग को अलग रखने से स्टॉक आने व बिक्री पर अधिकारियों का नजर नहीं रहती है. इसका खामियाजा उपभोक्ताओं भुगतना पड़ रहा है. विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हमें केवल स्थान उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था, जिसका अनुपालन कर दिया गया.
रोजाना बल्ब लेने पहुंचते
हैं चार सौ उपभोक्ता
केवल नगर विद्युत कार्यालय में कंपनी के काउंटर पर एलइडी बल्ब खरीदने तीन से चार सौ उपभोक्ता पहुंचते हैं. वहीं रिप्लेश कराने के लिये चार से पांच सौ लोग प्रतिदिन कार्यालय का चक्कर लगाते हैं. अन्य स्थानों के काउंटर पर पहुंचने वाले उपभोक्ताओं की संख्या का अंदाजा इसीसे लगाया जा सकता है. बताया जाता है कि नित्य कम से कम दो हजार उपभोक्ता इस काम के लिये चक्कर लगा रहे हैं. यहां बता दें कि दो भागों में बंटे शहर दरभंगा व लहेरियासराय में 60 हजार विद्युत उपभोक्ता हैं.
रोजाना सैकड़ों उपभोक्ता लौट जाते निराश