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शहीदों की पंचायत रतनपुर का नहीं हुआ अपेक्षित विकास

आयोजन. सरकारी पेच बन रहा विकास में बाधक, प्रभात खबर की ओर से आयोजित कार्यक्रम में लोगों ने रखे अपने विचार कमतौल/जाले : रतनपुर पंचायत में ‘प्रभात खबर आपके द्वार’ कार्यक्रम के दौरान जनसामन्य का कहना था कि लोगों से मशविरा किये बिना ही कई योजनाओं का चयन कर लिया जाता है. इस कारण होने […]

आयोजन. सरकारी पेच बन रहा विकास में बाधक, प्रभात खबर की ओर से आयोजित कार्यक्रम में लोगों ने रखे अपने विचार

कमतौल/जाले : रतनपुर पंचायत में ‘प्रभात खबर आपके द्वार’ कार्यक्रम के दौरान जनसामन्य का कहना था कि लोगों से मशविरा किये बिना ही कई योजनाओं का चयन कर लिया जाता है. इस कारण होने वाले विकास कार्य का आम लोगों को कोई खास लाभ नहीं मिल पाता. जनोपयोगी कार्य किये जाने की आवश्यकता है.
गली-मुहल्ले की सड़क, नाला, पुस्तकालय, वाचनालय की ओर किसी का ध्यान नहीं है. तीर्थ स्थल गंगेश्वर स्थान के पहुंच पथ सहित किसानों की समस्या की ओर ध्यान दिया जाना आवश्यक है. स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना और आयुर्वेदिक अस्पताल को योजनाबद्ध तरीके से शुरु किए जाने का सामूहिक प्रयास होना चाहिए. लोगों ने कहा कि विकास का काम हो रहा है. जागरुकता भी आयी है. सरकारी पेंच से अपेक्षित विकास नहीं हो पाता. स्वच्छता अभियान और हर घर नल का जल योजना परवान नहीं चढ़ रही है.
यह पंचायत सैनिकों का पंचायत कहा जाता है. यहां के अधिकांश परिवार से कोई न कोई सदस्य सैनिक या शिक्षक की नौकरी में है. स्वतंत्रता संग्राम में पंचायत के लोगों की सक्रिय भूमिका रही थी. उस दौरान कई शहीद भी हुए थे.
पंचायत एक नजर में
जनसंख्या : करीब 10 हजार
मतदाता : 6960
वार्ड की संख्या : 14
मंदिरों की संख्या : 12
मस्जिद की संख्या : चार
श्मशान : एक
कब्रिस्तान : एक
मध्य विद्यालय : दो
प्राथमिक विद्यालय : तीन
आंगनबाड़ी केंद्र : आठ (पांच भवनहीन)
आशा कार्यकर्ता : आठ
स्वास्थ्य केंद्र और उपकेंद्र : दो (दोनो जर्जर)
आयुर्वैदिक औषधालय : एक (वर्षों से बंद)
सामुदायिक भवन- पांच (जर्जर)
पूर्व में लगा सोलर लाईट- पांच (बंद)
सोलर लाइट : चार (विधायक फंड)
पंचायत में इनकी है आवश्यकता
प्लस टू स्तरीय विद्यालय की स्थापना
स्कूलों में छात्रों के अनुपात में शिक्षक और पुस्तकालय
संसाधन युक्त स्वास्थ्य केंद्र
बंद सरकारी नलकूप चालू हो
निजी नलकूप तक बिजली पहुंचे
गंगेश्वर स्थान तक पहुंच पथ का निर्माण
शहीद स्मारक पर छावनी
बंद आयुर्वेदिक औषधालय चालू हो
स्वरोजगार प्रशिक्षण केंद खुले
ग्राम कचहरी का गठन हुआ, पर सरकारी उपेक्षा से यह योजना सफल नहीं हो रही है. हर क्षेत्र में कमोवेश विकास हो रहा है, लेकिन ग्राम कचहरी इससे आज भी अछूता है.इस दिशा में प्रयास होना चाहिए.
सुलेखा देवी, पंच
पंचायत सरकार भवन नहीं रहने से ग्राम कचहरी किराये के घर में चलता है. समय पर उसका किराया न मिलने के कारण मकान मालिक द्वारा हमेशा घर खाली करने को कहता है.
रंजू देवी, पंच
पंचायत में उतरोत्तर विकास देखने को मिल रहा है. महिलाओं के स्वरोजगार के लिए पंचायत में उन्मुखीकरण केन्द्र की जरुरत है. इस दिशा में ध्यान दिये जाने की जरुरत है.
मंजू कुमारी, (शिक्षिका)
पंचायत के युवाओं के लिए कौशल विकास केन्द्र की आवश्यकता है. संचार क्रान्ति की दौर में प्रत्येक हाथ में एन्ड्रायड मोबाइल है. प्रशिक्षण मिलने पर उनमें भटकाव नहीं होगा.
नीतू कुमारी, (शिक्षिका)
रतनपुर सैनिकों एवं शिक्षकों के गांव के रुप में प्रसिद्ध है. पंचायत में अवकाश प्राप्त सैनिकों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. शहीद चौक पर छावनी की व्यवस्था होती, तो बेहतर होता. इस ओर ध्यान दिया जाना चाहिए
कैप्टन नवल किशोर ठाकुर, ग्रामीण
प्लस टू स्तरीय विद्यालय नहीं है. ब्रह्मपुर हाई स्कूल में आधा से अधिक इसी पंचायत से छात्र-छात्रा पढ़ने जाते हैं. पूर्व की अपेक्षाकृत सड़क की स्थिति सुधरी है. पंचायत के विकास मद में सरकार द्वारा काफी पैसा प्रति वर्ष भेजा जाता है. सरकारी पेंच की वजह से अपेक्षित विकास नहीं दिखता.
परशुराम ठाकुर, ग्रामीण (शिक्षक)
उप डाकघर में कम्यूटर है पर इन्टरनेट की सुविधा नहीं है. इस वजह से अन्य डाकघरों से संबंध स्थापित नहीं हो पाता है. इससे आम लोगों को काफी कठिनाई होती है. पंचायत में स्वास्थ्य केंद्र की आवश्यकता है.
राधाकांत ठाकुर, पूर्व डाकपाल
ग्राम कचहरी सुव्यवस्थित ढ़ंग से चलाने के लिए चौकीदारों का होना आवश्यक है. पंचायत में तीन सरकारी नलकूप है, मगर सभी बेकार और बंद पड़े हुए हैं. किसी पर न तो बिजली है, न ही नाला. किसान निजी नलकूप के सहारे खेती करने को मजबूर हैं.
ललन ठाकुर, सरपंच पति

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