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वकीलों को मिलेगी पेंशन व मेडिक्लेम की सुविधा

बेतिया : बार काउंसिंल ऑफ इंडिया के चेयरमैन सह वरिष्ठ अधिवक्ता मनन मिश्र ने रविवार को अधिवक्ताओं के लिए कई घोषणाएं की. उन्होंने कहा कि बीसीआइ के प्रस्ताव पर वकीलों को पेंशन व मेडिक्लेम समेत चार सुविधाएं मिलेंगी. इसकी सहमति केंद्र सरकार ने दी है. इसके लिए एक अलग से स्टांप लगेगा. इसका पैसा सीधे […]

बेतिया : बार काउंसिंल ऑफ इंडिया के चेयरमैन सह वरिष्ठ अधिवक्ता मनन मिश्र ने रविवार को अधिवक्ताओं के लिए कई घोषणाएं की. उन्होंने कहा कि बीसीआइ के प्रस्ताव पर वकीलों को पेंशन व मेडिक्लेम समेत चार सुविधाएं मिलेंगी. इसकी सहमति केंद्र सरकार ने दी है. इसके लिए एक अलग से स्टांप लगेगा. इसका पैसा सीधे केंद्र सरकार को जायेगा. उम्मीद है कि यह प्रस्ताव अगले बजट में शामिल होगा. इसके बाद देश भर के वकीलों को यह सुविधाएं मिलनी शुरू हो जायेंगी.

श्री मिश्र शनिवार को बेतिया सिविल कोर्ट स्थित जिला विधिज्ञ संघ की ओर से आयोजित अधिवक्ता दिवस समारोह में
वकीलों को मिलेगी
मौजूद थे. बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने कहा कि 1961 में ही एडवोकेट्स एक्ट लागू हुआ. अभी तक पेंशन योजना लागू नहीं हुई. यह दुखद है. राज्य बार काउसिंल को यह काम करना था, लेकिन कोई पहल नहीं की गयी.बीसीआइ ने अब इसकी पहल की है. एडवोकेट एक्ट में वेलफेयर फंड जुड़ने जा रहा है. यदि यह होता है, तो यह काउसिंल व वकीलों की बड़ी उपलब्धि होगी. कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष मदन मोहन मिश्र व संचालन वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार सिन्हा ने किया. मौके पर जिला जज शंभूनाथ तिवारी, बिहार बार काउसिंल के स्पेशल कमेटी के सदस्य अंजनी पराशर, रामाकांत शर्मा, तदर्थ कमेटी के सदस्य म़ सैदुल्लाह, प्रधान न्यायाधीश मुरलीधर समेत अन्य मौजूद रहे.
सत्यापन त घोटही क पड़ी
बीसीआइ चेयरमैन मनन मिश्र अधिवक्ताओं के सत्यापन मामले में इसकी निंदा करनेवाले और उनका पुतला फूंकने वाले वकीलों पर जमकर बरसे. कहा कि सत्यापन अधिवक्ताओं के हित में है. जब तक काउसिंल के पास वकीलों के नाम, पता, उम्र व कार्यस्थल जैसी प्राथमिक जानकारियां नहीं होंगी, तब तक उन्हें इंश्योरेंस व अन्य सुविधाओं का लाभ कैसे दिया जा सकेगा. श्री मिश्र ने दावा किया कि देशभर के कोर्ट में 16 लाख अधिवक्ता बार एसोसिएशन के रिकॉर्ड में दर्ज थे. सत्यापन में महज पांच लाख 75 हजार अधिवक्ताओं का ही रिकॉर्ड आया है. इससे लगता है कि 11 लाख अधिवक्ता इनरोलमेंट के बाद या तो ठेकेदारी में लग गये या फिर कोई और काम कर रहे हैं. भोजपुरी में चुटकी लेते हुए चेयरमैन ने कहा कि जइसे मोदी जी कहत बानी नोटबंदी त घोटही के पड़ी, वइसे सत्यापन त घोटही के पड़ी.
बार काउंसिल ऑफ इंडिया का चेयरमैन ने की घोषणा
बेतिया में आयोजित अधिवक्ता दिवस समारोह में हुए शामिल
पेंशन, मेडिकल क्लेम समेत चार सुविधाएं देगी केंद्र सरकार
अगले बजट में होगा शामिल

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