आयोजन. कृषि विज्ञान केंद्र माधोपुर की ओर से हुआ सेमिनार
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मुनाफे का सौदा है मत्स्य पालन, किसान लें रुचि
आयोजन. कृषि विज्ञान केंद्र माधोपुर की ओर से हुआ सेमिनार सेमिनार में आये किसानों को संबोधित करते डीएन डा़ एससी राय बेतिया : राजेन्द्र कृषि विश्व विश्वविद्यालय पूसा के डीन डाॅ एससी राय ने कहा कि अगर किसान पारंपरागत किसानी की जगह मत्स्य पालन करें,तो यह उनके लिए मुनाफे का सौदा हो सकता है. लेकिन […]
सेमिनार में आये किसानों को संबोधित करते डीएन डा़ एससी राय
बेतिया : राजेन्द्र कृषि विश्व विश्वविद्यालय पूसा के डीन डाॅ एससी राय ने कहा कि अगर किसान पारंपरागत किसानी की जगह मत्स्य पालन करें,तो यह उनके लिए मुनाफे का सौदा हो सकता है. लेकिन मत्स्य पालन के लिए उन्हें तीन बातों पर ध्यान देना होगा. इसके लिए उत्तम बीज, फीड व मैनेजमेंट जरूरी है. तभी मत्स्य पालन कर अच्छा मुनाफा किसान कमा सकते हैं. सोमवार को चनपटिया प्रखंड के बढ़हरवा में विश्व मत्स्य दिवस पर आयोजित सेमिनार में भाग लेने आये किसानों को संबोधित करते हुए डीन श्री राय ने कही.
उन्होंने कहा कि मछली पालन के लिए सबसे जरूरी तालाबों का बेहतर होना जरूरी है. जहां मानक के अनुरूप पानी रहे, तभी मछली पालन किया जा सकता है. डीन श्री राय ने कहा कि बिहार में 70 फीसदी से ज्यादा लोग किसानी पर निर्भर हैं. किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो, इसके लिए जरूरी है, वे मत्स्य पालन करें. इसमें उन्हें लागत से दो-से-तीन गुना लाभ होगा. बिहार सरकार की योजना है कि वर्ष 2020 तक मछली पालन 5000 से बढ़ाकर 10000 टन किया जा सके.
इस दिशा में सरकारी स्तर पर किसानों को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है इसके पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन डीन डा. एससी राय, किसान प्रभात झा ने संयुक्तरूप से दीप प्रज्वलित कर किया. कार्यशाला में आये किसानों को मत्स्य पालन का गुर, उनका देख-रेख व मछलियों में होने वाली बीमारियों की जानकारी दी गयी. व वैज्ञानिकों द्वारा उसका निदान भी बताया गया. कार्यक्रम के अंत में चयनित आधा दर्जन से ज्यादा किसानों में मछली का बीज वितरण किया गया. कार्यक्रम का संचालक मत्स्य वैज्ञानिक डा़ शिवेन्द्र कुमार ने की. मौके पर कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यक्रम समन्वयक डा़ केके झा, जमाल अख्तर, किसान आंनद सिंह आदि ने अभी अपना-अपना विचार रखा.
प्रगतिशील किसान प्रभात झा ने सेमिनार में आये राजेन्द्र कृषि विश्व विद्यालय के डीन डा़ एससी राय से चंपारण में स्थायी बीज हैचरी प्रेरणा केन्द्र खोलने की मांग की. उन्हें बताया कि किसानों को मछली के बीज के लिए उत्तर प्रदेश सहित अन्य जगहों पर जाना पड़ता है. इससे किसानों की खर्च बढ़ जाती है. अगर चंपारण में बीज हैचरी केन्द्र खुल जायेगा,तो मत्स्य पालन में लगे किसानों को उत्तम कोटि का मछली का बीज मिल सके. साथ हीं कहा कि बिहार के मौसम के हिसाब से अगर कृषि व मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाय,तो बिहार उच्चाई पर जा सकता है. वहीं मत्स्य पालक एनएच नैयर ने मछलियों को दिये जाने वाले घटिया फीड पर सवाल उठाया. उन्होंने इस पर रोक लगाने की मांग की.
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