पटना : नेपाल से पानी छोड़े जाने के कारण दबाव की वजह से बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में गंडक नदी पर बने वाल्मीकि नगर बैराज के 36 गेटों में से एक गेट आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया और इसके मरम्मत का काम जारी है. जल संसाधन विभाग :डब्ल्यूआरडी: मंत्री राजीव रंजन सिंह ने आज बताया कि विभिन्न नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद नेपाल से 2.70 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिसे नियंत्रित करने के लिए गंडक नदी पर बने बैराज के सभी गेटों को खोला गया था, जिसमें से गेट नंबर 33 बीती रात को आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया.
मरम्मत का काम जारी-विभाग
उन्होंने बताया कि बहरहाल, पश्चिम चम्पारण और अन्य जिलों के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को इससे डरने की जरुरत नहीं है, क्योंकि अन्य 35 गेट सामान्य रूप से काम कर रहे हैं और नेपाल से आ रहे पानी को नियंत्रित कर रहे हैं.” सिंह ने बताया कि डब्ल्यूआरडी के इंजीनियरों को स्थायी तौर पर बैराज पर नियुक्त किया गया था, क्षतिग्रस्त गेट की मरम्मत के लिए एक निजी रख रखाव टीम भी अपने निर्धारित समय से अधिक समय तक काम कर रही है. साथ ही बैराज के गेट के मरम्मत कार्य की निगरानी के लिए इंजीनियरों के एक समूह को वाल्मीकि नगर भेजा गया है.
विभागीय जांच के आदेश
उन्होंने बताया कि इस सम्बंध में जांच के आदेश दे दिये गये हैं और मुजफ्फरपुर के डब्ल्यूआरडी मुख्य इंजीनियर और राज्य मुख्यालय में मेकैनिकल विभाग के मुख्य इंजीनियर को वहां भेजा गया है और इस संबंध में कल तक एक रिपोर्ट पेश करने को भी कहा गया है ताकि अगर कोई लापरवाही हुई है तो जिम्मेदार इंजीनियर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके.