बगहा (प. चंपारण) : अनुमंडलीय अस्पताल से शुक्रवार देर शाम एक नवजात बच्ची की चोरी हो गयी. इसे लेकर रविवार सुबह आक्रोशित ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया. अस्पताल गेट में ताला जड़ कर प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की. स्थिति भयावह देख सभी डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी
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अस्पताल से नवजात चोरी परिजनों ने किया हंगामा
बगहा (प. चंपारण) : अनुमंडलीय अस्पताल से शुक्रवार देर शाम एक नवजात बच्ची की चोरी हो गयी. इसे लेकर रविवार सुबह आक्रोशित ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया. अस्पताल गेट में ताला जड़ कर प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की. स्थिति भयावह देख सभी डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी अस्पताल से नवजातभाग गये. इस मामले में नरैनापुर मुहल्ले […]
अस्पताल से नवजातभाग गये. इस मामले में नरैनापुर
मुहल्ले के तुलसी सहनी की पत्नी किसनावती देवी के बयान पर नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इसमें अस्पताल प्रशासन की लापरवाही व नवजात बच्ची के बारे में पूछने पर उपाधीक्षक डाॅ एके तिवारी द्वारा डांट-फटकार कर अस्पताल से भगाने का आरोप है.
अस्पताल में हंगामा की सूचना मिलते ही नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस निरीक्षक सह नगर थानाध्यक्ष सतेंद्र राम के समझाने पर भी ग्रामीण नहीं माने. इसके बाद प्रशिक्षु आइपीएस सह एसडीपीओ रामचंद्र राजगुरु अस्पताल पहुंचे. उनके समझाने का भी कोई असर नहीं हुआ.
ग्रामीण नगर पार्षद भोलेनाथ यादव के नेतृत्व में धरना पर बैठ गये और मौके पर एसडीएम को बुलाने की मांग करने लगे. करीब 11 बजे एसडीएम धर्मेंद्र कुमार अस्पताल में पहुंचे. उन्होंने कहा कि अस्पताल परिसर से नवजात के गायब होने का मामला गंभीर है. दोषी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
उन्होंने एसडीपीओ समेत पुलिस अधिकारियों को मामले की जांच करने को कहा. साथ ही अस्पताल में सीसीटीवी कैमरा लगाने में देर करने को लेकर उपाधीक्षक को जमकर फटकार लगायी. एक सप्ताह के अंदर अलग-अलग जगहों पर नौ सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया. इसके बाद ग्रामीण शांत हुए और धरना स्थगित हुआ.
अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही उजागर
29 जनवरी की शाम चार बजे नगर के नरैनापुर निवासी तुलसी सहनी की पत्नी किसनावती देवी को प्रसव के लिए अनुमंडलीय अस्पताल में भरती कराया गया. रिकॉड के मुताबिक 4:55 बजे शाम में किसनावती ने बच्ची को जन्म दिया. जबकि उसके पति तुलसी का कहना है कि करीब 6 बजे बच्ची पैदा हुई थी. जच्चा-बच्चा स्वस्थ थे.
आठ बजे के आसपास महिला को रक्तपात होने लगा. अस्पताल में डॉक्टर व नर्स नहीं थे. परिसर में बंध्याकरण शिविर लगा था. सभी डॉक्टर व चिकित्सा कर्मी कैंप में थे. काफी आरजू मिन्नत करने के बाद करीब 9 बजे डॉ बलिराम चौधरी व नर्स नीलू कुमारी, प्रतिमा कुमारी आयीं. इन लोगों ने कहा कि मरीज की हालत बेहद खराब है. बेतिया ले जाओ.
तुलसी ने बताया कि मैं रिक्शा चालक हूं. मेरे पास अभी बेतिया जाने के लिए पैसे नहीं है. इलाज किया जाये, पैसे का प्रबंध कर आते हैं. इलाज शुरू हुआ, 10 बजे मेरे मरीज की हालत में सुधार हो गया. उसके बाद नवजात बच्ची को खोजने लगे तो वह गायब थी.
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