बेतिया : किचन का जायका बिगड़ने लगा है. महंगाई से अभी तक दाल ही पतली हुई थी तो अब थाली से हरी सब्जियां भी दूर होने लगी है. सप्ताह भीतर हरी सब्जियों के भाव दोगुना बढ़ा है. 100 रुपये में भी थैला नहीं भर रहा है. लिहाजा मध्यमवर्गीय परिवारों को बजट बिगड़ गया है. सप्ताह […]
बेतिया : किचन का जायका बिगड़ने लगा है. महंगाई से अभी तक दाल ही पतली हुई थी तो अब थाली से हरी सब्जियां भी दूर होने लगी है. सप्ताह भीतर हरी सब्जियों के भाव दोगुना बढ़ा है.
100 रुपये में भी थैला नहीं भर रहा है. लिहाजा मध्यमवर्गीय परिवारों को बजट बिगड़ गया है.
सप्ताह भर पहले 20 से 25 रुपये प्रति किलो की दर से बिकने वाला परवल अब 35-40 रुपये में बिक रहा है. बैगन, बोड़ा, भिंडी आदि के दाम भी बढ़े हैं. 35 से 40 रुपये प्रति किलो की नयी आलू भी बाजार में आ चुकी है.
दुकानों पर हरी सब्जियों के दाम सुन लोग बिफर पड़ रहे हैं. लाेग बाजार में सब्जियें के दाम सुनकर सिर पर हाथ रख ले रहे हैं. उनके घर का बजट िबगड़ रहे हैं.