- हाथी पर सवार होकर स्वार्थसिद्धि योग में पधारेंगी देवी
- हाथी पर सवार होकर भगवती का आगमन माना जाता है शुभ
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दुर्गा पूजा में होगी हर मनोकामना पूरी, जानिए क्या है कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
हाथी पर सवार होकर स्वार्थसिद्धि योग में पधारेंगी देवी हाथी पर सवार होकर भगवती का आगमन माना जाता है शुभ बेतिया : शारदीय नवरात्रि का महापर्व रविवार 29 सितंबर से आरंभ होकर मंगलवार 7 अक्तूबर को महानवमी के साथ पूरा होगा. इस बार के नवरात्रि में सर्वार्थसिद्धि और अमृत सिद्धि योग है. जिसके अनुसार आदि […]
बेतिया : शारदीय नवरात्रि का महापर्व रविवार 29 सितंबर से आरंभ होकर मंगलवार 7 अक्तूबर को महानवमी के साथ पूरा होगा. इस बार के नवरात्रि में सर्वार्थसिद्धि और अमृत सिद्धि योग है. जिसके अनुसार आदि शक्ति जगदंबा भगवती के रविवार को हाथी पर सवार होकर विधि विधान से हुए कलश स्थापन के पूजा मंडप व अनुष्ठान वाले घरों पधारने वालीं हैं. फिर नौ दिन बाद घोड़े पर सवार होकर सोमवार सात अक्टूबर को विदा होंगी.
आचार्य राधाकांत शास्त्री बताते हैं कलश स्थापन प्रतिपदा तिथि रविवार को सर्वार्थसिद्धि व अमृत सिद्धि योग में होगा. इस वर्ष के शारदीय नवरात्रि में प्रतिप्रदा अर्थात 29 सितंबर, चतुर्थी दो अक्टूबर और महानवमी सात अक्टूबर के दिन दो-दो शुभ व विशेष योग बन रहे हैं. इन योगों में नवरात्र पूजा काफी शुभ रहेगी. इधर बाजार में पूजा सामग्री व फलाहारी सामानों की खरीदारी करने वाले लोगों का बाजार में तांता लगा है. रविवार से शुरू होने वाले नवरात्रि पूजा की तैयारी को लोग अंतिम रूप दे रहें हैं.
पंडित प्रेम सागर ओझा ने बताया कि शारदीय नवरात्रि ही मुख्य होती है. जिसमें पूजा पंडाल बना कर व घरों में भी कलश स्थापन करके देवी दुर्गा के भक्त माता के नौ रूपों की वैदिक विधि से पूजा, आराधना व अनुष्ठान का विशेष महत्व है. नवरात्रि की शुरुआत अश्विन शुक्ल पक्ष एकम को कलश स्थापना के साथ ही होती है. कलश स्थापना के माध्यम से आदि शक्ति जगदम्बा का हम आह्वान करते हैं.
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