बेतिया : जिले में भीषण गर्मी ने दस्तक दे दी है. गर्मी के आगमन पर भी नगर परिषद क्षेत्र में कई माह से खराब पड़े चापाकलों को ठीक नहीं किया जा सका है. इससे आरंभ में ही नगर में पहुंचने वाले लोगों के हलक सूखने लगे हैं. हालांकि इस बाबत कई बार संबंधित इलाके के लोगों ने पीएचइडी व नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को आवेदन सौंपा. साथ ही इन खराब चापाकलों की मरम्मती की दिशा में कदम उठाये जाने की गुहार लगाकर वे थक चुके हैं. उनका आरोप है कि पीएचइडी व नप के मकड़जाल यह मामला अधर में है.
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कई माह से खराब हैं चार दर्जन चापाकल
बेतिया : जिले में भीषण गर्मी ने दस्तक दे दी है. गर्मी के आगमन पर भी नगर परिषद क्षेत्र में कई माह से खराब पड़े चापाकलों को ठीक नहीं किया जा सका है. इससे आरंभ में ही नगर में पहुंचने वाले लोगों के हलक सूखने लगे हैं. हालांकि इस बाबत कई बार संबंधित इलाके के […]
नगर परिषद क्षेत्र में लगभग चार दर्जन चापाकल मरम्मत नहीं होने से खराब होकर बेकार पड़े हैं. इस संदर्भ में सहायक अभियंता शहरी प्रदीप कुमार झा ने बताया कि विगत तीन वर्षों में नगर के कुल 39 वार्डों में 234 चापाकल लगाए गए हैं. इनमें से लगभग 48 चापाकल रख-रखाव एवं मरम्मत के अभाव में खराब पड़े हैं. जिसे विभाग ठीक कराने में असमर्थ है. कारण यह है कि शहरी जलापूर्ति योजना विभागीय आदेश के आलोक में नगर परिषद को हस्तगत करा दिया गया है.
इसके रख-रखाव एवं मरम्मती कार्य के लिए प्रत्येक वर्ष आवंटन का पैसा नगर परिषद को प्राप्त होता है. साथ ही श्री झा ने यह भी बताया कि पीएचइडी द्वारा उन्हें खराब चापाकल मरम्मती कराई जाती है. जिनका कार्यकाल तीन वर्ष पूरा नहीं हुआ है.
कारण यह है कि प्रत्येक चापाकलों का रखरखाव तीन वर्षों के लिए विभाग के द्वारा अधिकृत अभिकर्ताओं को दी जाती है. इस तीन वर्ष में इनके रखरखाव की जिम्मेदारी अधिकृत अभिकर्ताओं की होती है.
पीएचइडी से सभी खराब चापाकलों की मरम्मत के लिए सूची मांगी गयी है. सूची प्राप्त होते ही वार्डवार इसकी मरम्मती करा दी जायेगी.
गरिमा सिकारिया, नप सभापति, बेतिया
पीएचइडी व नप के बीच मकड़जाल में फंसी चापाकलों की मरम्मत
एमजेके अस्पताल में पानी के लिए तरस रहे मरीज
गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज सह एमजेके अस्पताल में करीब आधा दर्जन से अधिक चापाकल कई महीनों से मरम्मत की आस जोह रहे हैं. इस दिशा में कॉलेज व अस्पताल प्रशासन की ओर से पीएचईडी को पत्र भी लिखा जा चुका है. इसके बावजूद कोई पहल नहीं की जा सकी है. स्थिति यह है कि मरीज व उनके परिजन पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं और इधर उधर भटकने को अभिशप्त हो गये हैं. खासकर सर्जिकल वार्ड, सेप्टिक वार्ड, हलवे वार्ड समेत अन्य महत्वपूर्ण स्थलों के चापाकल कई माह से खराब पड़े हैं.
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