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सगीर ने कानपुर रेलवे ट्रैक पर लगाया था बम

खुलासा. मोती पासवान ने खोला रेल हादसे का राज रेलवे ट्रैक पर बम लगाने में उसके साथ थे तीन नेपाली सगीर बम लेकर गोरखपुर से साथ गया था कानपुर मोती,राकेश व गजेंद्र बम लेकर घंटों चले थे पैदल मोतिहारी : कानपुर में पटना-इंदौर एक्सप्रेस को बेपटरी करने की जबर्दस्त प्लानिंग की गयी थी.इसके लिए दुबई […]

खुलासा. मोती पासवान ने खोला रेल हादसे का राज

रेलवे ट्रैक पर बम लगाने में उसके साथ थे तीन नेपाली
सगीर बम लेकर गोरखपुर से साथ गया था कानपुर
मोती,राकेश व गजेंद्र बम लेकर घंटों चले थे पैदल
मोतिहारी : कानपुर में पटना-इंदौर एक्सप्रेस को बेपटरी करने की जबर्दस्त प्लानिंग की गयी थी.इसके लिए दुबई में बैठे आइएसआइ एजेंट समसुल होदा ने नेपाल, मोतिहारी व गोरखपुर के कारिंदों को जिम्मेवारी सौंपी थी. दहशतगर्दी के इस प्लान में शामिल लोगों की अलग-अलग ड्यूटी लगायी गयी थी. इस बात का खुलासा आदापुर से गिरफ्तार मोती पासवान ने सुरक्षा एजेंसियों के समक्ष किया है.
उसने खुलासा किया है कि कानपुर रेल हादसे में गोरखपुर का सगीर अंसारी नामक व्यक्ति भी था. उसने सगीर की पहचान भी बतायी है. कहा है कि उसकी मुंछ नहीं, लेकिन बड़ी-बड़ी दाढी थी. सागीर ने ही गोरखपुर में हमलोगों को बम उपलब्ध कराया था. उसने सुरक्षा एजेंसियों के समक्ष कानपुर रेल हादसे की पूरी कहानी बयां की है. बताया है कि पिछले साल नवंबर माह में समसुल होदा का राइट हैंड ब्रजकिशोर गिरि अपने साथ नेपाली मोजाहीर अंसारी, जिआउल तथा सोमेव छौड़ादानो पहुंचे, उसके बाद मोबाइल पर फोन कर बुलाया. वहां जाने पर ब्रजकिशोर गिरि ने कहा कि कानपुर में संगठन का एक काम करना है. वहीं पर घटना की प्लानिंग बनी. उसके बाद मोती व ब्रजकिशोर के साथ मोती पासवान, राकेश यादव व गजेंद्र शर्मा गायक के अलावा नेपाल के तीन लोग बापूधाम रेलवे स्टेशन पहुंचे. वहां से सवारी ट्रेन पकड़ गोरखपुर से पहले वाली हल्ट पर उतर गये. रास्ते में ब्रजकिशोर ने उनलोगों को बताया था कि समसुल होदा साबह के आदेश पर एक आज एक घटना की सेटिंग करनी है.गोरखपुर से पहले वाली रेलवे हाल्ट पर मोती, राकेश व गजेंद्र को छोड़ ब्रजकिशोर अपने नेपाली सदस्यों के साथ बस्सी की तरफ गया. कुछ देर बाद लौटा तो उसके साथ दाढी व बिना मुंछ वाला व्यक्ति भी था.उसके हाथ में लालरंग का एक झोला था,जिसमें आठ-दस किलो वजन का कोई समान था. मोती को झोला को देखा तो उसमें रखा समान कूकर बम जैसा लगा. झोला लेकर सभी गोरखपुर पहुंचे. तबतक सुबह हो चुकी थी. पैदल करीब दो घंटा तक चल एक स्थान पर पहुंचे.
गोरखपुर व नेपाली लोग बम बनाने में हैं माहिर : गोरखपुर का सगीर अंसारी व ब्रजकिशोर के साथ नेपाल से आये तीनों युवक बम बनाने में माहिर है. मोती पासवान ने खुलासा किया है कि उसे तथा राकेश व गजेंद्र को ब्रजकिशोर ने कानपुर में रेलवे ट्रैक से 50 मीटर दूर पर ही रोक दिया. शाम हो रहा था, वापस आकर ब्रजकिशोर ने बताया कि काम हो गया था, तुमलोग वापस लौट जाओ, काम होने पर सूचना मिल जायेगी. कानपुर से तीनों वापस लौट आये, अगले दिन गिरि ने फोन कर बताया कि काम हो गया है.
कानपुर के दूसरी रेल घटना में भी शामिल थे सभी : मोती पासवान ने खुलासा किया है कि उसका व राकेश व गजेंद्र का काम सिर्फ दहशतगर्दी का समान ढोना था. रेलवे ट्रैक पर बम सेटिंग व विस्फोट कराने का काम ब्रजकिशोर, गोरखपुर के सगीर अंसारी व तीन नेपाली युवकों ने किया. पहली घटना के 15 दिन बाद ब्रजकिशोर गिरि फिन इनलोगों को बुलाकर कानपुर ले गया. कानपुर से 60-70 किलोमीटर पहले उनलोगों ने रेलवे ट्रैक पर बम की सेटिंग की. उसने समसुल को आइएसआइ का एजेंट बताते हुए खुलासा किया है कि वह भारत-नेपाल के सीमाई इलाकों में ब्रजकिशोर गिरि के माध्यम से स्लीपर सेल को मजबूत कर रहा है.

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