मोतिहारी : पूर्वी चंपारण के केसरिया से सटे गंडक दियारा इलाके में नक्सलियों की सक्रियता व महिला नक्सलियों का आर्म्स ट्रेनिंग कैंप की सूचना पर पुलिस व सीआरपीएफ की टीम ने शुक्रवार को कॉबिंग ऑपरेशन चलाया. महिला नक्सलियों की ट्रेनिंग कैंप में नक्सली नेता रामबाबू राम उर्फ राजन जी द्वारा प्रशिक्षण देने की सूचना थी.
यह कैंप मुजफ्फरपुर के साहेबगंज दियारा इलाके में चल रहा था, लेकिन कॉबिंग ऑपरेशन से पहले नक्सलियों ने अपना ठिकाना बदल लिया, जिसके कारण पुलिस को सफलता नहीं मिली. कॉबिंग ऑपरेशन में एएसपी अभियान राजीव कुमार, केसरिया थानाध्यक्ष अवधेश कुमार झा, डुमरियाघाट थानाध्यक्ष मिथिलेश कुमार पांडेय के साथ मधुबन सीआरपीएफ की टीम थी.
यह टीम केसरिया गंडक दियारा में मोर्चा संभाले थी, जबकि साहेबगंज दियारा इलाके में मुजफ्फरपुर पुलिस ने घेराबंदी कर रखी थी. पुलिस ने ऑपरेशन के दौरान प्रशिक्षण स्थल को चिन्हित कर कुछ साक्ष्य एकत्र किया है, उसके बाद नक्सलियों के अन्य संभावित ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, कॉबिंग ऑपरेशन से पहले पुरुष व महिला नक्सलियों का हथियारबंद दस्ता गोपालगंज दियारा में प्रवेश कर गया.
पुलिस को आशंका है कि नक्सली उत्तर बिहार में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए उक्त प्रशिक्षण कैंप चला रहे थे, जिसे पुलिस ने विफल कर दिया. पुलिस ने दियारा इलाका से सटे कुछ गांव के ग्रामीणों ने पूछताछ कि तो पता चला कि साहेबगंज व केसरिया के सुंदरापुर से सटे दिराया इलाका में एक सप्ताह से कुछ अंजान चेहरे देखे जा रहे थे, लेकिन ग्रामीणों ने उनके डर से पुलिस को सूचना नहीं दी.
यहां बताते चले कि जिले के पूर्वी भाग यानी तेतरिया, पकड़ीदयाल, मेहसी, चिरैया, ढाका, फेनहारा, पताही थाना क्षेत्रों में पुलिस सक्रियता के कारण नक्सलियों ने दियारा इलाके को अपना ठिकाना बना लिया है. जहां नये सदस्यों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. तीन जिलों के बाॅर्डर क्षेत्र में गंडक दियारा पड़ता है, जिसके कारण नक्सली दियारा को अपना सबसे सुरक्षित ठिकाना मान रहे है.