10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जिले के आधा प्रखंड कुष्ठ रोग से ग्रसित

मोतिहारी : पूर्वी चम्पारण जिले के आठ प्रखंड कुष्ठ रोग से प्रभावित है. इनमें सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र कल्याणपुर, हरसिद्धि, सुगौली एवं मेहसी है. इसके अतिरिक्त चिरैया छौड़ादानो, मधुबन एवं पताही शामिल है. इन प्रखंडों में 24 सितंबर से राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत कुष्ठ नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के […]

मोतिहारी : पूर्वी चम्पारण जिले के आठ प्रखंड कुष्ठ रोग से प्रभावित है. इनमें सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र कल्याणपुर, हरसिद्धि, सुगौली एवं मेहसी है. इसके अतिरिक्त चिरैया छौड़ादानो, मधुबन एवं पताही शामिल है. इन प्रखंडों में 24 सितंबर से राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत कुष्ठ नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत कुष्ठ रोगियों का खोज करना है तथा उनका इलाज करना मुख्य रूप से शामिल है.
क्या है कुष्ठ रोग-कुष्ठ रोग
जीवाणु से होता है. यह न तो पैतृक है और नहीं किसी पाप या दैवी-प्रकोप का फल है. कुष्ठ अन्य संक्रामक रोगों की तुलना में सबसे कम संक्रामक है. यह छूआछूत का रोग नहीं है.
कुष्ठ रोग के लक्षण त्वचा में फीका बदरंग या लाल दाग-धब्बा जिसमें सूनापन हो और खुजली, जलन, चुभन नहीं होती हो. हाथ पैरों में झीनझीनी, सूनापन सूखापन हो, समय पर इलाज नहीं कराने पर हाथ पैर एवं चेहरे पर विकृतिया आ जाती है. इन लक्षणों के होने पर तुरंत निकट के स्वास्थ्य केंद्र या सरकारी अस्पताल में इस का मुफ्त इलाज करा सकते है.
इसका उपचार एमडीटी एवं ड्रग थेरापी किया जा सकता है. कुष्ठ रोग पूर्णत: साध्य है जल्द जांच एवं पूर्ण उपचार से इन विकृतियों से बचा जा सकता है. इस लक्षण के तहत दो प्रकार से मरीजों का इलाज किया जाता है. पी बी (पोसी भैसलरी) यानि प्रारंभिक दौर में मरीजों की छह माह तक रेगुलर दवा खानी पड़ेगी तो इस रोग से छुटकारा मिल सकता है. यदि इस रोग को छुपाने या अधिक दिन होने या फिर प्रारंभिक उपचार के बाद मरीज ठीक नहीं होता है तो उसे कल ए विभाग एम बी (मल्टी भैसलरी) के तहत एक साल तक इलाज किया जा सकता है.
जिले में भी है कुष्ठ रोगी
मंडल कारा मोतिहारी में है पांच नये कुष्ठ रोगी केमरीज. जिनका इलाज चल रहा है. इनमें एक महिला है जिन मरीज शामिल है उनमें सरोज देवी,गोपाल साह, चुलाही साह, छोटे लाल सहनी, कुबई पटेल आदि शामिल है.
पहला कुष्ठ सहायक केंद्र 1956 से बखरी में
मोतिहारी पूर्वी चंपारण जिला में पहला कुष्ठ सहायक केंद्र 1956 में बखरी पताही मं खुला था. उस समय कॉट्रोलिंग पावर सिविल सर्जन मोतिहारी के हाथ में था. लेकिन दवा पटना से मंगाया जाता था.
1972 में दूसरा कुष्ठ नियंत्रण ईकाई रक्सौल में खुला. रोगियों की अधिकता को देखते हुए 1994 में कंट्रोल यूनिट नरकटिया छौड़ादानो में 1992 में मोतिहारी सेट सेंटर खुला जहां सभी रेागियों का खोज कर उनकी सूची बनाया जाने लगा. इसके लिए अलग चिकित्सक कर्मचारी नियुक्त कर पूर्ण जिम्मेदारी सौंप दी गयी. इसके तहत लोगों में रोगियों की खोज उनको शिक्षा देना एवं उपचार करने की विधि बतायी गयी. अब इसे जिला के 27 प्रखंडों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से जोड़ दिया गया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें