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गिरफ्तार होंगे पूर्व विधायक राजन तिवारी

मुजफ्फरपुर/मोतिहारी : मोतिहारी के गोविंदगंज से पूर्व विधायक राजन तिवारी व उनके दो भाइयों की गिरफ्तारी होगी. मामला उत्तर प्रदेश की प्रतापपुर सुगर मिल के प्रेसिडेंट प्रभात लोहिया समेत तीन के अपहण से जुड़ा हुआ है, जिसमें दो लोगों की हत्या कर दी गयी थी. अहरण की घटना 30 दिसंबर 2004 को हुई थी. इस […]

मुजफ्फरपुर/मोतिहारी : मोतिहारी के गोविंदगंज से पूर्व विधायक राजन तिवारी व उनके दो भाइयों की गिरफ्तारी होगी. मामला उत्तर प्रदेश की प्रतापपुर सुगर मिल के प्रेसिडेंट प्रभात लोहिया समेत तीन के अपहण से जुड़ा हुआ है, जिसमें दो लोगों की हत्या कर दी गयी थी.
अहरण की घटना 30 दिसंबर 2004 को हुई थी. इस मामले में हाइकोर्ट ने राजन तिवारी व उनके भाइयों की गिरफ्तारी पर 28 सितंबर 2005 को रोक लगा थी, लेकिन ये रोक 12 मई 2011 हाइकोर्ट ने खारिज कर दी थी. उस समय राजन तिवारी जेल में थे, जबकि उनके भाई रतन तिवारी व राजू तिवारी जेल से बाहर थे.
मामला 30 दिसंबर 2004 का है, जब प्रतापपुर चीनी मिल के प्रेसिडेंट प्रभात लोहिया अपने भतीजे राकेश लोहिया के यहां मोतिहारी आये थे. इसके बाद वो शहर के श्रीकृष्णनगर के रहनेवाले बिशंभर नाथ तिवारी के वापस उत्तर प्रदेश जा रहे थे. बोलेरो गाड़ी से इनकी वापसी हो रही थी, जिसे चालक श्रीकांत यादव चला रहा था. इसी दौरान उन तीनों का अपहरण कर लिया गया था. बताया जाता है कि उस समय 55 लाख की फिरौती के बाद प्रभात लोहिया को छोड़ दिया गया था, जबकि बिशंभर नाथ तिवारी व चालक श्रीकांत यादव की हत्या कर दी गयी थी. दोनों के शव 12 जनवरी 2005 को मटियरिया थाना क्षेत्र से मिले थे. अहरण की प्राथमिकी मोतिहारी के नगर थाने में हुई थी. इसे प्रभात लोहिया के भतीजे राकेश लोहिया ने दर्ज कराया था, जबकि हत्या की प्राथमिकी बेतिया के मटियरिया थाने में दर्ज हुई थी.
पहले अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था, लेकिन प्रतापपुर चीनी मिल के सुपरवाइजर जयनारायण तिवारी की गिरफ्तारी के बाद मामला खुल गया. जयनारायण गोपालगंज का रहनेवाला था. उसके बयान पर ही राजन तिवारी व उनके भाइयों समेत 21 लोगों को आरोपित बनाया गया था. इसमें सात की गिरफ्तारी हुई थी, जबकि तीन की हत्या हो चुकी है. छह आरोपितों का नाम पता अभी तक पुलिस पता नहीं लगा सकी है, जबकि दो लोग फरार हैं. वहीं, पूर्व विधायक व उनके भाइयों की गिरफ्तारी पर हाइकोर्ट ने रोक लगा दी थी, जो बाद में खारिज हो गयी.
मामले को लेकर बीते आठ मार्च को अपर पुलिस अधीक्षक पीके मंडल ने लोक अभियोजक से जानकारी मांगी गयी थी. एएसपी ने मामले की अधतन जानकारी देने को कहा था, जिसका जवाब 10 मार्च को लोक अभियोजक की ओर से भेजा गया, जिसमें कहा गया है कि पूर्व विधायक व उनके भाइयों की गिरफ्तारी करने के लिए जांच अधिकारी वारंट जारी करने की मांग कर सकते हैं, क्योंकि मामले पर जो रोक हाइकोर्ट ने लगायी थी, उसे 12 मई 2011 को हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया था. इससे संबंधित जानकारी 16 अगस्त 2011 को जिले को मिली थी.
गार्ड वापस लेने का निर्देश
मामला सामने आने के बाद एसपी सुनील कुमार ने पूर्व विधायक के अंगरक्षकों को वापस लेने का निर्देश जारी कर दिया है. एसपी ने कहा है कि इस संबंध में मेजर को निर्देश दिया गया है, जो जल्दी ही पूर्व विधायक के अंगरक्षकों को वापस ले लेंगे. एसपी ने बताया कि इससे संबंधित निर्देश समीक्षा बैठक के दौरान मुजफ्फरपुर प्रक्षेत्र के आइजी पारनाथ की ओर से दिये गये थे.

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