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पहाड़पुर में बाघ ने डाला डेरा

पहाड़पुर (मोतिहारी) : जिले के पश्चिमी सिसवा पंचायत के रायकररिया नयाटोला गांव में बाघ देखे जाने से सनसनी फैल गयी. बाघ गांव से लगभग तीन सौ मीटर दूर गेंहू के खेत में बैठा है, जिसे दिन में 11 बजे के आसपास बच्चों ने देखा और मौके से गुजर रहे मेडिकल पेशे से जुड़े राजेश प्रसाद […]

पहाड़पुर (मोतिहारी) : जिले के पश्चिमी सिसवा पंचायत के रायकररिया नयाटोला गांव में बाघ देखे जाने से सनसनी फैल गयी. बाघ गांव से लगभग तीन सौ मीटर दूर गेंहू के खेत में बैठा है, जिसे दिन में 11 बजे के आसपास बच्चों ने देखा और मौके से गुजर रहे मेडिकल पेशे से जुड़े राजेश प्रसाद को बताया, जिन्होंने खेत के अंदर देखा, तो उनके होश उड़ गये. उन्होंने इसकी सूचना गांव के मुखिया पति वीरेंद्र सिंह को दी.
मुखिया पति की सूचना पर मौके पर स्थानीय प्रशासन पहुंचा. वन विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे, लेकिन बाघ को लेकर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो सकी. पटना से वन विभाग के विशेषज्ञों की टीम मौके से लिए रवाना हो गयी थी, जिसके देर रात तक पहुंचने की बात कही गयी. वहीं, रात के समय बाघ के गांव के उत्तर दिशा की ओर जाने की बात कही जा रही थी, हालांकि रोशनी की व्यवस्था नहीं होने की वजह से गांव के लोग कुछ और कह पाने की स्थिति में नहीं थे. मौके पर तीन थानों की पुलिस को लगाया गया है.
जानकारी के मुताबिक अन्य दिनों की तरह गांव से गुजरनेवाली पगडंडी पर बच्चे खेल रहे थे. इसी दौरान उन्होंने खेत में कुछ हलचल होती दिखी, तो उन्होंने मौके से जा रहे राजेश प्रसाद को बताया. राजेश प्रसाद को शंका हुई, तो उन्होंने खेत के अंदर घुस कर देखा. उन्हें लगा कि कोई जंगली जानवर आया है, जब आगे बढ़े, तो बाघ को देख वो सन्न रह गये. राजेश प्रसाद ने इसकी सूचना गांव के मुखिया पति वीरेंद्र सिंह को दी, जिन्होंने मामले की जानकारी थाना प्रभारी कुंदन कुमार सिंह व बीडीओ रोहित कुमार मिश्र को दी.
गांव के पास बाघ की सूचना मिलते ही आसपास के ग्रामीणों की भीड़ मौके पर लग गयी. लोग खेत से लगभग तीन से चार सौ मीटर की दूरी पर खड़े थे. बताते हैं कि इस दौरान बाघ खेत में आराम कर रहा था. इसी बीच ग्रामीणों के बीच इस बात को लेकर भी चर्चा हो रही थी कि क्या सचमुच बाघ है. कुछ का कहना था कि बाघ वहां नहीं आ सकता.
दिन में बारह बजे के बाद मौके पर थानाध्यक्ष व बीडीओ पहुंचे. उन्होंने ग्रामीणों से दूर रहने को कहा. इसके बाद हरसिद्धी थाने की पुलिस को भी मौके पर बुला लिया गया. दिन में लगभग दो बजे के आसपास खेत में हलचल हुई, तो कुछ ग्रामीणों ने पेड़ पर चढ़ कर देखा, तो उन्हें खेत में बाघ के होने की जानकारी मिली. इसी बीच डीएसपी नूरुल होदा व एसडीओ एसएस पांडे मौके पर पहुंचे. दोनों अधिकारियों ने माइक से लोगों से दूर रहने को कहना शुरू किया. अधिकारियों ने कहा, यहां धारा 144 लगा दी गयी है. इसलिए आप लोग यहां से चले जाइये.
रायकररिया में बाघ होने की सूचना डीएम व अन्य अधिकारियों को दी गयी. इसके बाद वन विभाग के अधिकारियों को भी अवगत कराया गया. पटना में वन विभाग के अधिकारियों को जानकारी दी गयी. पटना से वन विभाग की टीम मौके से लिए रवाना हो गयी थी, जिसके रात 11 बजे के आसपास रायकररिया पहुंचे की उम्मीद थी. वहीं, वन विभाग के अधिकारियों का कहना था कि रात के समय किसी तरह का ऑपरेशन नहीं किया जा सकता है. सुबह के समय ही कुछ किया जायेगा.
शाम को सात बजे के आसपास मौके से डीएसपी व एसडीओ भी चले गये थे, लेकिन पहाड़पुर, हरसिद्धी व गोविंदगंज के थानाध्यक्षों को कैंप करने के लिए लगाया गया था. बड़ी संख्या में पुलिस बल भी मौके पर मौजूद था. गांव के लोगों का कहना था कि अंधेरा होने के बाद खेत में हलचल हुई. इसके मुताबिक बाघ गांव के उत्तर की ओर आगे बढ़ा. हालांकि आधिकारिक रूप से इसके बारे में कुछ नहीं कहा गया.
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पहाड़पुर कैसे पहुंचा बाघ, बना पहेली
पहाड़पुर के जिस इलाके में बाघ देखा गया है. वो गंडक से लगभग बीस किलोमीटर की दूरी है. वन विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि बाघ बाल्मिकीनगर के आसपास के जंगलों में हैं. वहां से गंडक के सहारे आगे बढ़ सकते हैं. ऐसे में गंडक से बीस किलोमीटर दूर तक बाघ कैसे पहुंच गया, ये बात जानकारों के लिए पहेली बनी हुई है. इस दौरान किसी की निगाह बाघ पर नहीं पड़ी? जानकारों का ये भी कहना है कि अगर बाघ वाल्मिकीनगर इलाके से आया है, तो उसे आने में कई दिन लगें होंगे. इससे पहले कभी भी पहाड़पुर इलाके में बाघ के होने की सूचना नहीं मिली.

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