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लक्ष्य से काफी पीछे है जिला

मोतिहारी : धान अधिप्राप्ति की रफ्तार जिले में काफी धीमी है़ कछुए की चाल से हो रही खरीदारी से जिला लक्ष्य से कोसों दूर है़ नवंबर माह से अधिप्राप्ति कार्य में जुटा प्रशासन अबतक हजार मीटरिक टन खरीदने के आंकड़े को भी नहीं पार कर पाया है़. जिले को 150 हजार मीटरिक टन अधिप्राप्ति का […]

मोतिहारी : धान अधिप्राप्ति की रफ्तार जिले में काफी धीमी है़ कछुए की चाल से हो रही खरीदारी से जिला लक्ष्य से कोसों दूर है़ नवंबर माह से अधिप्राप्ति कार्य में जुटा प्रशासन अबतक हजार मीटरिक टन खरीदने के आंकड़े को भी नहीं पार कर पाया है़.
जिले को 150 हजार मीटरिक टन अधिप्राप्ति का लक्ष्य पूरा करना है, जिसमें पैक्स व व्यापार मंडल के माध्यम से 124 हजार व शेष 26 हजार मीटरिक टन धान की खरीदारी राज्य खाद निगम द्वारा की जानी है, लेकिन पैक्सों में धान की खरीदारी की गति धीमी रहने के कारण लक्ष्य प्राप्ति में जिला पिछड़ता जा रहा है़
875 मीटरिक टन खरीद
जिले में धान अधिप्राप्ति के लिए सहकारिता विभाग को 124 हजार मीटरिक टन खरीदारी का लक्ष्य मिला है़ अबतक महज 106 पैक्सों ने ही खरीदारी की है़, जिनके द्वारा महज 875़5 मीटरिक टन धान खरीदा गया है़ जबकि जिले में 335 पैक्सों के माध्यम से धान की खरीदारी की जानी है़ आंकड़े के मुताबिक 229 पैक्सों ने अबतक खरीदारी भी शुरू नहीं की है.
कहते हैं अधिकारी
जिला सहकारिता पदाधिकारी अरविंद कुमार ने बताया कि सभी पैक्सों को खरीदारी में गति लाने का निर्देश दिया गया है़ कहा कि सभी पैक्सों के खरीदारी के लिए क्रेडिट राशि उपलब्ध करा दी गयी है़ 17 प्रतिशत तक नमी वाले धान की खरीदारी करनी है़ साथ ही किसानों को खरीद की गयी धान की परची देनी है़ उन्होंने बताया कि खरीद की गयी धान की राशि किसानों के खाते में आरटीजीएस के माध्यम से भेजी जायेगी़
सुगौली. प्रखंड में अभी तक पैक्सों के माध्यम से धान की खरीदारी प्रारंभ नहीं की जा सकी है़ सरकारी घोषणा को हुए करीब एक महीना होने को है़ मजबूरन किसान खुले बाजार में अपनी पसीने की कमाई औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर है़ं प्रखंड में 16 पैक्सों का चुनाव हुआ है, जिसमें माली पैक्स की कार्यकारिणी का गठन नहीं हो सका है और उत्तरी छपरा बहास पैक्स को विभागीय कारणों से धान खरीदारी की अनुमति नहीं है़ इस तरह से कुल 14 पैक्सों को जिला टास्क फोर्स द्वारा 5500 मीटरिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है़, जबकि पैक्स अध्यक्षों ने 8092 मीटरिक टन खरीद का संभावित लक्ष्य दिया है़
धान की खरीदारी के संबंध में प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी रविकांत प्रसाद ने बताया कि तत्काल धान की नहीं खरीद का मुख्य कारण एसएफ सी के गोदाम में जनवितरण का खाद्यान का भरा होना है़ दूसरा प्रमुख कारण धान में निर्धारित मानक नमी से अधिक प्रतिशत का होना है़ वहीं बैंकों में सीसी एकाउंट खोलने की प्रक्रिया जारी है, जिसके माध्यम से किसानों को सीधे उनके खाते में खरीदी गयी धान की कीमत प्रति क्विंटल 1660 रुपया भेजा जायेगा़ इस बीच कृषि कार्यो को लेकर किसान अपनी उपज को बेच कर खेती करने पर मजबूर है़ं खेती कार्य के लिए किसानों को खाद-बीज, पटवन व मजदूरी के लिए पैसे की जरूरत है़ इसके लिए वे पैक्स द्वारा धान खरीद का इंतजार करने की स्थिति में नहीं है़. समय पर खेती हो, इसके लिए धान खुले बाजार में बेचने को मजबूर है़.
फुलवरिया पैक्स अध्यक्ष संजीव शर्मा ने बताया कि धान में नमी की मात्र अधिक है़ प्रखंड में धान क्रय केंद्र नहीं खुलने के कारण या पैक्स में धान की खरीदारी नहीं हो रही है़ हमारे पास अधिक मात्र में धान खरीद कर लंबे समय तक रखने का जगह नहीं है़ इसी तरह की बता दक्षिणी सुगांव के पैक्स अध्यक्ष जयनारायण प्रसाद, उत्तरी श्रीपुर के पैक्स अध्यक्ष ब्रजकिशोर सिंह सहित अन्य पैक्स अध्यक्षों ने बताया़ किसान लालबाबू प्रसाद ने बताया कि पैक्स द्वारा धान की खरीदारी नहीं होने के कारण खेती करने में परेशानी हो रही है़ खेती कार्य के साथ-साथ पर्व-त्योहार मनाने, घरेलू खर्च चलाने सहित अन्य कार्यो के लिए पैसे की जरूरत पड़ रही है़
इस कारण कम दाम पर धान बेचना पड़ रहा है़ वहीं किसान संतोष कुमार मिश्र ने बताया कि पैसों की जरूरत के लिए या तो लोगों से कर्ज लेना पड़ रहा है या धान को खरीदार के कीमत पर बेचना पड़ रहा है़ बैंक का कर्ज नहीं जमा करने के कारण ब्याज भरना पड़ रहा है़ अगर पैक्स द्वारा धान की खरीदारी होती तो उचित दाम मिलता तो और अधिक काम मिलता, पर विभागीय देरी के कारण हम किसान विवश है़. सरकार हमारी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दे रही है़

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