मोतिहारी : लोक सूचना के अधिकार को दबाने के मामले में सिविल सर्जन ने गंभीरता से लेते हुए दो कर्मचारियों से स्पष्टीकरण पूछा है. 2006 में जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा चलाये गये एंबुलेंस का भुगतान नहीं किये जाने के कारण चकिया निवासी अभय रमण ने लोक सूचना के अधिकार के तहत सीएस से पूछा था कि किन-किन प्रखंडों का भुगतान अभी तक हुआ है. यदि सभी प्रखंडों के एंबुलेंस का भुगतान हुआ तो मेरा क्यों नहीं किया गया. मामले को ले सूचना के अधिकार के तहत श्री रमण ने जवाब-तलब किया था.
इस मामले को सदर अस्पताल के अशुलिपिक मनोज शाही एवं जिला स्वास्थ्य समिति के लेखा प्रबंधक आशुतोष चौधरी ने विपत्र को दबा दिया था. जब श्री रमण ने राज्य लोक सूचना के अधिकार के पास अर्जी की तो सीएस डा प्रशांत कुमार गंभीर हुए. जानकारी लेने पर पता चला कि उक्त फाइल अशुलिपिक श्री शाही व जिला लेखा प्रबंधक श्री चौधरी के पास फाइल रखा गया है, जिससे नाराज सीएस ने इन दोनों कर्मचारियों से स्पष्टीकरण पूछा है. यहां बता दें कि उस समय नीरज कुमार द्वारा सभी प्रखंडों में एंबुलेंस चलाया जाता था.