डुमरांव
. नवरात्र के दूसरे दिन सोमवार को मां ब्रह्मचारिणी की भक्तों ने विधि-विधान से पूजा अर्चन की. मां ब्रह्मचारिणी को तपस्या और संयम की देवी माना जाता है. दूसरे दिन ज्ञान, तप और बैरागी की देवी के रूप में भी इन्हें जाना जाता है. माना जाता है कि मां ब्रह्मचारिणी ज्ञान व विवेक की देवी हैं जो अपने भक्तों को सही मार्ग दिखाती हैं. मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से आत्मबल, धैर्य और संयम प्राप्त होता है. शहर सहित अनुमंडल के विभिन्न देवी मंदिरों में माता रानी का दर्शन व पूजन के लिए दूसरे दिन भी भक्तों की भीड़ लगी रही. श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंचकर माता ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चन भक्ति भाव से की. सोमवार को अहले सुबह से ही भक्तों ने स्नान- ध्यान करके पूजा की तैयारी में लगे रहे. इस दौरान मंदिर से लेकर घर तक श्रद्धालुओं ने मां की आराधना कर शांति व मंगल की कामना की. नगर की पंचित देवी मां काली का मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना रहा. जहां सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में माथा टेककर आशीर्वाद प्राप्त किया. इसके अलावे नगर की देवी मां, डुमरेजनी मंदिर, रेलवे स्टेशन के पास स्थित दुर्गा मंदिर, खिरौली व लालगंज कड़वी स्थित काली मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त दर्शन के लिए पहुंच रहे थे. आस्था का केंद्र बना नगर के काली मंदिर: हिंदुओं के सबसे बड़े त्यौहार नवरात्र शुरू होने से भक्तिमय माहौल बन गया है. वहीं मंदिर परिसर में विद्वान पंडितों द्वारा मंत्रोच्चारण एवं शंख, घंटे की ध्वनि से मंदिर के आसपास में भक्तिमय माहौल कायम रहा. इस दौरान महिलाओं द्वारा गाए जा रहे पारंपरिक गीत भी मंदिर परिसर में गूंज रहे थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है