बक्सर. डीएम डॉ विद्यानंद सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को फार्मर रजिस्ट्री से संबंधित जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसका उद्देश्य फार्मर रजिस्ट्री की प्रक्रिया को सुचारू और पारदर्शी बनाना था. डीएम ने किसानों को समय पर दस्तावेज अद्यतन करने की आवश्यकता पर जोर दिया, अन्यथा सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा. इस प्रशिक्षण में कृषि विभाग, राजस्व विभाग सहित विभिन्न शाखाओं के पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित हुए. कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य जिले में चल रही फार्मर रजिस्ट्री अद्यतन प्रक्रिया को सुचारू, पारदर्शी और समयबद्ध ढंग से लागू करना था. प्रशिक्षण के दौरान फार्मर रजिस्ट्री एवं ई-केवाइसी की तकनीकी प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेजों तथा कार्यप्रणाली से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत मार्गदर्शन दिया गया. डीएम ने प्रतिभागियों से उनके क्षेत्र में आ रही समस्याओं, ई-केवाईसी में तकनीकी बाधाओं, किसानों की दस्तावेज स्थिति तथा अन्य प्रशासनिक चुनौतियों पर प्रत्यक्ष फीडबैक प्राप्त किया. शिविर मोड में कार्य, सूचना तीन दिन पूर्व प्रदान करने का निर्देश: डीएम ने निर्देश दिया कि सभी संबंधित विभाग टीम बनाकर एक व्यवस्थित शेड्यूल तैयार करें और गांव स्तर पर शिविर आयोजित करने से कम से कम तीन दिन पूर्व किसानों को सूचना उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि शिविरों का आयोजन कैंप मोड में किया जाएगा ताकि अधिकतम किसानों का इ-केवाईसी एवं रजिस्ट्री अद्यतन कार्य शीघ्रता से पूरा हो सके. इसके लिए किसान सलाहकार, कृषि समन्वयक, हल्का कर्मचारी एवं ऑपरेटर मिलकर टीम के रूप में कार्य करेंगे. अप्रमाणित जमाबंदी रद्द होने की चेतावनी: डीएम ने स्पष्ट किया कि जिन किसानों की जमाबंदी अद्यतन नहीं है या आधार व मोबाइल नंबर से लिंक नहीं है, उन्हें पीएम किसान निधि, खाद्यान्न वितरण, फसल क्षति भुगतान, बाढ़ राहत भुगतान जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में गंभीर समस्या हो सकती है. उन्होंने कहा कि 15 जनवरी 2026 के बाद ऐसी अनट्रेस या अप्रमाणित जमाबंदियों को रद्द किया जा सकता है, इसलिए किसानों को समय पर अपने दस्तावेज अद्यतन कराना अत्यंत आवश्यक है. डीएम ने कहा कि फार्मर रजिस्ट्री अद्यतन न केवल किसानों के हित में है, बल्कि जिले के औद्योगिक एवं भूमि विकास से भी जुड़ा है. भूमि रिकॉर्ड अद्यतन रहने से भविष्य की विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में सुविधा होती है. उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि कार्यों की दैनिक समीक्षा की जाए और प्रत्येक टीम अपने लक्ष्य के अनुरूप दैनिक प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध कराए. इस मौके पर अपर समाहर्ता अरुण कुमार सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार, सहायक निदेशक प्रक्षेत्र शालिग्राम सिंह, उप निदेशक कृषि अभियंत्रण गरिमा झरिया, मास्टर ट्रेनर के रूप में भानु प्रताप सिंह, संजय कुमार, सुमित कुमार पांडेय सहित विभिन्न विभागों के पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित रहे.
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