बक्सर. इस वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण रविवार को लगेगा. यह देश के सभी क्षेत्रों में दिखायी देगा. इस ग्रहण का साया साढ़े तीन घंटे तक रहेगा. ज्योतिष की दृष्टिकोण से यह मेष, वृष, धनु व कन्या राशि के व्यक्तियों के लिए शुभ व कल्याणकारी तथा मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ व मीन राशि के लोगों के लिए हानिकारक व कष्टकारी होगा. सो जिस राशि के लिए हानिकारक होगा उस राशि के व्यक्ति ग्रहण का दर्शन करने से परहेज करें. पंचांग के अनुसार चंद्रग्रहण की छाया रविवार की रात 9:57 बजे से रात 1 बजकर 26 मिनट तक रहेगा, यानि 9:57 बजे से शुरू होगा तथा रात 1:26 बजे मोक्ष, यानि समापन होगा, जबकि मध्य काल 11:42 बजे होगा. आचार्य श्रीकृष्णानंद जी पौराणिक ने बताया कि चंद्रग्रहण शुरू होने से नौ घंटे पूर्व ही सूतक दोष लग जायेगा. जिस अवधि में मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे और मोक्ष के बाद मंदिर खोलकर पूजन-अर्चन किया जायेगा. सूतक काल पूर्वाह्न 12:57 बजे से आरंभ होगा. सूतक अवधि में मंदिर में विग्रह पूजन, भोजन व जलपान आदि क्रिया वर्जित रहेगी. वहीं ग्रहण काल में खाना-पीना नहीं करना चाहिए तथा मल-मूत्र का परित्याग नहीं करना चाहिए, खाना लेकिन बालक, वृद्ध, रोगी एवं शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को इस नियम से छूट है. उन्होंने बताया कि ग्रहण के बीच एवं ग्रहण का मोक्ष होने के उपरांत दो बार स्नान एवं दान करना चाहिए. ग्रहण काल में मंत्र जाप, मानसिक पूजा, भजन-कीर्तन, धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन व पाठ तथा हवन आदि करने से उसका अनंत गुणा फल प्राप्त होता है तथा सिद्धि मिलती है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

