सुजीत कुमार ओझा, डुमरांव
डुमरांव रेलवे स्टेशन के सिग्नल प्वाइंट पर जाम की समस्या दिनों-दिन गंभीर होती जा रही है. आमतौर पर रेलवे फाटकों पर छोटे वाहनों को रोककर ट्रेनों को पास कराया जाता है, लेकिन डुमरांव स्टेशन पर स्थिति इसके उलट है. यहां कई बार ट्रेनों को रोककर ऑटो, बाइक, इ-रिक्शा और बस जैसे छोटे वाहनों को पहले निकलने दिया जाता है ताकि जाम से थोड़ी राहत मिल सके. यह स्थिति रोज देखी जा सकती है, जिससे यात्रियों और स्थानीय लोगों दोनों को परेशानी झेलनी पड़ती है. पटना-डीडीयू रेलखंड के अंतर्गत आने वाले डुमरांव स्टेशन के प्लेटफॉर्म के पूर्वी और पश्चिमी फाटक पर अब तक ओवरब्रिज का निर्माण नहीं हो सका है. यही इस समस्या का मुख्य कारण है. ओवरब्रिज की अनुपस्थिति के कारण दोनों फाटकों पर प्रतिदिन भयंकर जाम लग जाता है. यदि फाटक खोला जाता है तो ट्रेन को सिग्नल प्वाइंट पर खड़े होकर वाहनों को पास होने का इंतजार करना पड़ता है. वहीं, यदि फाटक बंद कर ट्रेन को पास कराया जाता है तो सड़क पर लंबा जाम लग जाता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि कभी-कभी वाहनों की इतनी लंबी कतार लग जाती है कि ट्रेन को खड़ा कराकर पहले सड़क से वाहनों को हटाया जाता है. शहर के बीच से होकर गुजरने वाला एनएच 922 डुमरांव-बिक्रमगंज पथ और पुराना भोजपुर राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 920 आरा-बक्सर फोर लेन से जुड़ने के कारण यहां वाहनों की आवाजाही पहले से अधिक है. इस बढ़े हुए ट्रैफिक का दबाव भी दोनों फाटकों पर जाम की स्थिति को और गंभीर बनाता है. लोगों ने बताया कि वर्षों से ओवरब्रिज की मांग की जा रही है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हुई है. ओवरब्रिज निर्माण के बिना डुमरांव स्टेशन पर जाम की समस्या का समाधान संभव नहीं दिख रहा है.दोनों फाटकों पर ओवरब्रिज की मांग तेज
स्थानीय लोगों का कहना है कि डुमरांव स्टेशन के दोनों फाटकों पर यदि रेलवे द्वारा ओवरब्रिज का निर्माण करा दिया जायै तो इससे न केवल आम जनता को राहत मिलेगी, बल्कि रेलवे को भी बड़ा लाभ होगा. ओवरब्रिज बन जाने से ट्रेनों को सिग्नल प्वाइंट पर खड़े होकर वाहनों के निकलने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा और ट्रेनें समय से चल सकेंगी. इस रूट पर ट्रैफिक व्यवस्था के अभाव में आये दिन गंभीर जाम की स्थिति बन जाती है. खासकर सुबह के समय एंबुलेंस, स्कूली बस, ट्रक सहित दर्जनों वाहन दोनों तरफ लंबी कतार में फंस जाते हैं. कई बार फाटक बंद होने के दौरान लगने वाले भयंकर जाम में एंबुलेंस और अन्य आपातकालीन सेवाएं भी अटक जाती हैं. इससे मरीजों और यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है. कार्यालय और स्कूल जाने वाले लोग भी अक्सर देर से पहुंचते हैं.क्या कहते हैं स्टेशन मास्टर
अक्सर फाटकों पर जाम लग जाता है तो ट्रेन को सिग्नल प्वाइंट पर खड़ा कर फाटक से वाहनों के निकलने का इंतजार किया जाता है. यदि ओवरब्रिज होता तो दोनों सुगमता के साथ चलता रहता है.प्रवीण कुमार, स्टेशन प्रबंधक, डुमरांव
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