बक्सर. गंगा में आयी बाढ़ से राहत की उम्मीद जगी है. क्योंकि, बुधवार की सुबह आठ बजे से नदी का जल स्तर थम गया है. जबकि, वाराणसी में गंगा के जल स्तर में कमी दर्ज की गयी है.
इस तरह बक्सर में भी पानी घटने की संभावना जतायी जा रही है. केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक पूर्वाह्न 8.00 बजे गंगा का जल स्तर 60.87 मीटर के उच्चतम बिंदु पर पहुंचकर स्थिर था. मंगलवार की शाम 06 बजे गंगा का जल स्तर 60.81 मीटर दर्ज किया गया था, जिसमें 14 घंटे में महज छह सेंटीमीटर की बढ़ोतरी के बाद जल स्तर रिकार्ड किया गया. जल स्तर 60.87 मीटर पर खड़ा होने के बाद गंगा का पानी अभी खतरे के निशान 60.32 मीटर से 55 सेमी अधिक है. जल स्तर में बढ़ोतरी का सिलसिला भले ही थम गया है, लेकिन बाढ़ के पानी का कहर अब भी जारी है. बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के लोग यातायात और बिजली कटौती का दंश झेल रहे हैं. मवेशियों के लिए चारे की कमी पशुपालकों के लिए समस्या बन गयी है, जिससे जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बक्सर शहर के निचले इलाकों में बसे कई रिहायशी मुहल्लों में पानी प्रवेश करने से लोगों की परेशानियां बढ़ गयी हैं. वहीं सदर, चौसा एवं सिमरी प्रखंड के दियारा के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में सदर, चौसा, सिमरी, चक्की, ब्रह्मपुर व इटाढ़ी प्रखंड शामिल है.ठोरा नदी में आये ऊफान से दर्जन भर गांवों का सड़क संपर्क भंग
गंगा के दबाव से ठोरा नदी में आये उफान के कारण सदर प्रखंड की छोटका नुआंव पंचायत के गोविंदपुर, पुलियां, हरिपुर, मिलिकियां, ठोरा तथा करहंसी पंचायत की लरई, करहंसी, कोड़रवां, जरिगांवा का कुदरतीपुर समेत दर्जन भर गांवों का संपर्क भंग हो गया है. लोगों को आवागमन के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. इसी तरह इटाढ़ी प्रखंड के इटाढ़ी- अतरौना पथ पर पानी चढ़ने से आवागमन बाधित है. खेतों में लगी धान की फसल डूबने से किसानों की चिंता बढ़ गयी है.शहर के निचले मुहल्लों में घुसा बाढ़ का पानी
नालों के सहारे बक्सर शहर के निचले हिस्सों में भी पानी प्रवेश कर गया है. रामरेखाघाट समेत अन्य घाटों की सीढ़ियां डूब गयी हैं और पानी के तेज बहाव के कारण स्नान करना खतरनाक हो गया है. धोबीघाट मुहल्ला में भी रोड पर पानी चढ़ गया है, जिससे लोगों को पानी से होकर आवाजाही करनी पड़ रही है. चरित्रवन के श्मशान घाट स्थित मुक्ति धाम पूरी तरह जलमग्न होने से शव दाह के लिए जगह नहीं है. ऐसे में पानी में चलकर लाश के अंतिम संस्कार के लिए शेडनुमा शव दाह गृह में जाना पड़ रहा है. छूमंतर गली में पानी प्रवेश करने से घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है.डीएम ने राहत व बचाव को लेकर जारी किया अलर्ट
डीएम ने अलर्ट जारी करते हुए बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को बांध के आसपास हो रहे कटाव का जायजा लेकर तत्काल मरम्मत एवं सैंड बैग डलवाने की हिदायत दी. वहीं बक्सर-कोइलवर तटबंध की पेट्रोलिंग कराने का निर्देश दिया. बाढ़ के दौरान पशुओं में होने वाली संभावित बीमारी से बचाव के लिए सभी प्रकार की जीवन रक्षक दवाएं पर्याप्त मात्रा में भंडारित करने तथा सभी भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारियों को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में नियमित रूप से भ्रमणशील रहकर बीमार पशुओं के उपचार के लिए जिला पशुपालन पदाधिकारी को नसीहत दी. आपदा शाखा के प्रभारी पदाधिकारी कुमार नचिकेता ने बताया कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है और आवश्यकता के अनुसार हर संभव राहत पहुंचायी जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

