बक्सर. बिहार राज्य कार्यपालक सेवा संघ के बैनर तले जिले के सभी कार्यपालक सहायकों ने 11 सूत्री मांगों को लेकर पांचवें दिन समाहरणालय के समक्ष एकदिवसीय धरना-प्रदर्शन किया. अध्यक्षता जिला अध्यक्ष दीनानाथ सिंह ने की, वहीं मंच संचालन सचिव राजेश कुमार ने किया. वहीं उपाध्यक्ष कमलेश ठाकुर ने बताया कि कार्यपालक सहायक हैं, तभी बिहार का डिटिजल है. वहीं रवि प्रजापति ने बताया कि यह धरना-प्रदर्शन उनकी उपेक्षित स्थिति और सरकार के प्रति गहरी नाराजगी का प्रतीक है. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं करती है, तो आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज किया जायेगा. मीडिया प्रभारी राकेश कुमार ने कहा कि पंचायत से लेकर सचिवालय स्तर तक सरकारी योजनाओं को क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. फिर भी हमारी मांगों की लगातार अनदेखी की जा रही है. वहीं बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के जिला सचिव महेंद्र पासवान ने कहा कि लंबे समय से कार्यपालक सहायकों की मुख्य मांगों में सेवा संवर्गीय का गठन करना, स्थायीकरण करते हुए राज्यकर्मी का दर्जा व वेतनमान देना, सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुसार लेवल 4-6 के तहत मानदेय भुगतान, कार्यपालक सहायकों की न्यूनतम योग्यता इंटरमीडिएट करना शामिल है. वहीं कार्यपालक सहायकों द्वारा महेंद्र पासवान को फूल-मालाओं से स्वागत किया गया. मौके पर जिलाध्यक्ष दीनानाथ सिंह, जिला सचिव राजेश कुमार व कोषाध्यक्ष जितेंद्र पासवान द्वारा साल देकर स्वागत किया गया. धरना-प्रदर्शन में अभय कुमार, घनश्याम, प्रेम प्रकाश, निर्मल, बबलू पासवान, रिशु लाल, आमिर हक अंसारी, बृजेश कुमार ओझा, प्रदीप कुमार, आशुतोष कुमार मिश्रा, जितेंद्र कुमार, कमलेश शर्मा, शुभम कुमार, वेद प्रकाश, नवनीत कुमार सिंह, प्रेम प्रकाश सिंह, मुरारी सिंह, जितेंद्र पासवान, रत्नेश कुमार, मुख्तार अंसारी, लाल बच्चन, रामबाबू, दिलीप कुमार, संदेश कुमार, दीपक कुमार, अमित कुमार, सतेंद्र कुमार यादव, धनजी प्रसाद, प्रेमलता कुमारी, स्नेहलता कुमारी समेत सैकड़ों कार्यपालक सहायक शामिल थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

